ऐतिहासिक रूप से ही पाकिस्तान के साथ संबंधों की सड़क ऊबड़खाबड़ रही है। पाकिस्तान नीति की पड़ताल करे तो हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती पाकिस्तान से पनपने वाले आतंकवाद पर रोक लगाना और यह सुनिश्चित करना है कि द्विपक्षीय एजेंडा में यह बात सबसे ऊपर रहे। अपेक्षा करना गलत होगा कि वह रातोरात आतंकवाद को समाप्त कर देगा, चाहे उसकी कितनी भी इच्छा हो और यह काम करने में वह कितना भी सक्षम हो।
भारत को पकिस्तान के संबंध में एक त्रि-आयामी नीति अपनानी होगी
- पाक की जनता से विभिन्न माध्यमों से वृहद् संवाद की प्रक्रिया शुरू करनी होगी, जिससे वहां की जनता को वास्तविकता से परिचित कराया जा सके। यह भी देखना होगा कि सामजिक, शैक्षणिक स्तर पर दोनों देशों की जनता एक-दूसरे के निकट आ सके।
- सरकारी स्तर पर वार्तालाप शुरू करना पड़ेगा, यह जानते हुए भी कि पाकिस्तान की कथनी-करनी में अंतर है। ऐसा करने से ही पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह प्रोपेगंडा नहीं कर सकेगा कि हिंदुस्तान समस्याओं पर बात नहीं कर रहा।
- आतंकवाद का जवाब प्रतिक्रियात्मक नहीं वरन सुविचारित तरीके से देने की रणनीति बनानी पड़ेगी।