भारत- नाइजीरिया संबंध ; भारतीय उपराष्ट्रपति की नाइजीरिया यात्रा

भारतीय उपराष्ट्रपति की नाइजीरिया यात्रा के दौरान नाइजीरिया के राष्ट्रपति मुहम्मदू बुहारी ने भारत से उद्योग, व्यापार, विज्ञान-तकनीक, ऊर्जा, न्यूक्लियर एनर्जी के साथ रक्षा क्षेत्र में सहयोग पर बल दिया है। 
- नाइजीरिया ने अपने देश को अन्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में भी भारत का सहयोग मांगा है।

- भारत ने भी कई क्षेत्रों में बेहतर तालमेल और निवेश की राह आसान बनाने के अलावा नाइजीरिया में दाल पैदा करने की संभावनाएं टटोली हैं। भारत ने इसके पहले कुछ अन्य अफ्रीकी देशों व खासकर मोजाम्बिक में दाल उगाने की तैयारी की है।
★ नाइजीरिया अफ्रीका में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।★

★अबुजा में दोनों देशों के नेताओं की भेंट के वक्त भारत-नाइजीरिया के बीच कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति कायम हुई। 
★सहयोग के अलावा दोनों देशों ने आतंकवाद पर लगाम लगाने की जरूरत बताई है। 

★ भारत व नाइजीरिया जैसे उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए बुनियादी ढांचे का विकास और ऊर्जा सुरक्षा आपसी सहयोग के दो प्रमुख क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में सहयोग का फायदा दोनों देशों को मिलेगा।

नाइजीरिया ने उम्मीद जताई है कि उपराष्ट्रपति की नाइजीरिया यात्रा दोनों देशों के बीच सभी क्षेत्रों में सहयोग को गति देने में सहायक बनेगी।
◆ नाइजीरिया में भारत से निवेश की व्यापक संभावनाएं देख रहा है। 
◆यहां टाटा समूह, भारती एयरटेल, बजाज ऑटो, बिरला सीमेंट, रैनबैक्सी, एस्सार समेत सौ से ज्यादा भारतीय कंपनियां काम कर रही हैं।

◆केवल फार्मा सेक्टर में ही 33 भारतीय या भारत से जुड़ी कंपनियां यहां मौजूद हैं। 
◆करीब 18 करोड़ आबादी वाले नाइजीरिया में टेलीकॉम सेवा दे रही एयरटेल के तीन करोड़ ग्राहक हैं। ★नाइजीरिया अफ्रीका का सबसे बड़ा कच्चा तेल (क्रूड) उत्पादक देश है। भारत कुल जरूरत का 12 फीसद क्रूड नाइजीरिया से आयात करता है।

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