अमेरिका-भारत संबंधों पर केंद्रित यह विधेयक नई दिल्ली को संकेत देता है कि वाशिंगटन एक विश्वसनीय और भरोसेमंद रक्षा साझेदार है।
★प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगले महीने होने वाली संभावित अमेरिका यात्रा से पहले प्रभावशाली अमेरिकी सांसदों ने एक संशोधन विधेयक पेश किया है जिसके कांग्रेस से पारित होने पर भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों का स्तर ठीक वैसा हो जाएगा जैसा अमेरिका और उसके नाटो सहयोगियों के बीच है।
★ कांग्रेस सदस्य जॉर्ज होल्डिंग, एड रॉयस, एलियट एंजेल और भारतीय-अमेरिकी एमी बेरा द्वारा लाया गया संशोधन विधेयक 11 मई को नियम संबंधी सदन समिति के समक्ष पेश किया गया।
★अमेरिका-भारत संबंधों पर केंद्रित यह विधेयक नई दिल्ली को संकेत देता है कि वाशिंगटन एक विश्वसनीय और भरोसेमंद रक्षा साझेदार है। यह विधेयक रक्षा प्राधिकार कानून में संशोधन करेगा जिसका पारित होना बहुत जरूरी है।
★संशोधन को प्रतिनिधि सभा में द्विदलीय समर्थन प्राप्त है जिसकी झलक इस तथ्य से मिलती है कि हाउस इंडिया कॉकस के अध्यक्षों (कांग्रेस सदस्य होल्डिंग और बेरा) ने इसे सदन की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष रॉयस और प्रतिष्ठित सदस्य एंजेल के साथ प्रायोजित किया ।
अमेरिका के लिए यह अमेरिका-भारत रक्षा सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने के सिलसिले एक अधिकारी नामित करने, रक्षा प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण और पेंटागन में खासकर अमेरिका-भारत रक्षा प्रौद्योगिकी तथा व्यापार पहल (डीटीटीआई) के लिए समर्पित एक विशेष कार्यालय रखने, संयुक्त सैन्य योजना के संदर्भ में भारत की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने तथा सह उत्पादन और सह विकास अवसरों को बढ़ावा देने के वास्ते एक्जीक्यूटिव ब्रांच को प्रोत्साहित करता है।
★भारत के लिए यह सरकार को मानवीय सहायता, आपदा राहत, जलदस्यु रोधी अभियान और समुद्री क्षेत्र जागरूकता जैसे पारस्परिक हित के अभियानों के लिए अमेरिका के साथ मिलकर संयुक्त सैन्य योजना बनाने को अधिकृत करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
- दोनों देशों के समक्ष खड़ी साझा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए अमेरिका और भारत के बीच रणनीतिक भागीदारी को मजबूत करना महत्वपूर्ण है।’
★‘दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र अमेरिका तथा भारत के समान मूल्यों और कई मोर्चों, खासकर रक्षा सहयोग के क्षेत्र में बढ़ती भागीदारी को साझा करने के बीच भारत दक्षिण एशिया में स्थिरता के स्तंभ के रूप में अमेरिका के रणनीतिक भागीदार के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
* अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ शिखर सम्मेलन के लिए जून में मोदी के अमेरिका यात्रा पर आने की उम्मीद है। मोदी अपनी यात्रा के दौरान अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित कर सकते हैं ।