- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेपाली समकक्ष केपी शर्मा ओली के नेतृत्व में भारत और नेपाल ने नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
** भारत और नेपाल ने आपसी संबंधों में उपजी खटास दूर करते हुए सहयोग के नौ करारों पर हस्ताक्षर किए तथा नेपाल को 80 मेगावाट बिजली की आपूर्ति के लिए एक पारेषण लाइन का उद्घाटन किया।
=>"दोनों देशों के बीच हुए समझौते इस प्रकार हैं"
१. भारत सड़क , बिजली और पानी के क्षेत्र में नेपाल की मदद करेगा।
२.भूकंप पश्चात नेपाल के पुनर्निर्माण के लिए भारत द्वारा 25 करोड़ डालर की लागत से आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में उपयोग संबंधी करार।
३.. नेपाल के तराई क्षेत्र में 518 किलोमीटर की 17 सड़कों के निर्माण संबंधी करार।
४. नेपाली संगीत एवं रंगमंच अकादमी और संगीत नाटक अकादमी के बीच ललित कला के क्षेत्र में सहयोग एवं आदान प्रदान का करार।
५. नेपाल और बंगलादेश के बीच काकरबिट्टा-बंगलाबंध कॉरीडोर पर पारगमन सुविधा तथा विशाखापट्नम बंदरगाह से संचालन सुविधा के दो करार।
६. विशाखापट्नम और बंगलादेश के लिए सिंहबाद तक पारगमन सुविधा के लिए रेल परिवहन सुविधा के दो करार। मुजफ्फरपुर-ढलकेबार विद्युत पारेषण लाइन का उद्घाटन।
७.दोनों देशों के विशिष्ट व्यक्तियों के एक समूह का गठन।
८.दोनों देशों के बीच के ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर और कई हाईवे बनाए जाएंगे।
९. अगले 2 साल में भारत नेपाल को 80 मेगावाट बिजली देगा।
**नेपाल ने भारत को भरोसा दिलाया है कि वो अपनी धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने देगा।
=>भारत का उद्देश्य नेपाल में शांति, स्थिरता और विकास
- "कुछ सालों में नेपाल ने डेमोक्रेसी मामले में काफी कामयाबी हासिल की है।"
- "नेपाल में शांति और विकास भारत की कोशिश है। भारत का इकोनॉमिक डेवलपमेंट नेपाल के लिए भी अहम रहेगा।
नोट:-2011 के बाद किसी नेपाली प्रधानमंत्री की पहला द्विपक्षीय भारत दौरा है। इससे पहले 2011 में बाबूराम भट्टराई भारत दौरे पर आए थे।
- नरेंद्र मोदी अगस्त 2014 में नेपाल की विजिट पर गए थे। यह पिछले 17 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला नेपाल दौरा था।
- मोदी ने इसके बाद नवम्बर 2014 में भी काठमांडू में सार्क समिट में हिस्सा लेने गए थे।