भारत एवं थाईलैंड ने अर्थव्यवस्था, आतंकवाद से निबटने, साइबर सुरक्षा एवं मानव तस्करी से निबटने में सहयोग बढ़ाने का निर्णय किया। साथ ही दोनों देश ने रक्षा एवं समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में नजदीकी संबंध कायम करने पर आगे बढे हैं।
★ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत यात्रा पर आये उनके थाई समकक्ष जनरल प्रयुत चान ओ छा के बीच हुई व्यापक वार्ता के बाद इस आशय की घोषणा की गई। संतुलित समग्र आर्थिक एवं भागीदारी समझौते को शीघ्र सम्पन्न करना एक साझा प्राथमिकता है।
★ दोनों देशों ने भारत-म्यामां-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग तथा भारत-म्यामां और थाईलैंड के बीच मोटर वाहन समझौते पर जल्द हस्ताक्षर को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने पर बल दिया है।
★ सांस्कृतिक आदान प्रदान संबंधी अधिकारियों के कार्यक्रम तथा नगालैंड विश्वविद्यालय एवं थाईलैं के चियांग माई विश्वविद्यालय के बीच सहमति पत्र सहित दो समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये।
★भारत ने थाईलैंड से पर्यटकों को भारत के पर्यटन स्थलों और विशेष रूप से बौद्ध स्थलों के प्रति आकषिर्त करने के लिए, जल्द ही थाई नागरिकों को दोहरे प्रवेश वाले ई.पर्यटक वीजा की सुविधा देने का ऐलान किया।
★ आतंकवाद मुद्दे की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देश अवगत हैं कि आतंकवाद का तेजी से प्रसार हो रहा है तथा कट्टरपंथी विचारधारा ने एक साझा चुनौती उत्पन्न की है। इन चुनौतियों से निबटने के हमारे साझा लक्ष्य में भारत थाईलैंड का उसकी सहायता एवं सहयोग के लिए विशेष तौर पर आभारी है।
,★ आतंकवाद के अलावा दोनों देशों ने साइबर सुरक्षा, नशीले पदार्थों, अंतरराष्ट्रीय आर्थिक अपराधों एवं मानव तस्करी से निबटने के लिए हमारे सुरक्षा संबंधों को और मजबूत बनाने पर सहमति जतायी।’
★ व्यापार एवं वाणिज्य के मामले में मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच ‘विविधिकृत वाणिज्यिक संपर्क न केवल संबंधित अर्थव्यवस्थाओं को लाभ पहुंचायेंगे, बल्कि इससे व्यापक क्षेत्रीय आर्थिक समृद्धि संभव हो पाएगी।’
दोनों देशों के बीच व्यापार के अलावा व्यापक विनिर्माण एवं निवेश संपर्क के विपुल अवसर हैं।
★भारत आधारभूत क्षेत्र में थाई मजबूती विशेषकर पर्यटन आधारभूत ढांचे और इस क्षेत्र में भारत की प्राथमिकताओं के बीच विशेषतौर पर एक समन्वय देखता है।’
- ‘सूचना प्रौद्योगिकी, दवाएं, आटो उपकरण एवं मशीनरी संभावित गठजोड़ के कुछ अन्य क्षेत्र हैं। हम संतुलित समग्र आर्थिक एवं भागीदारी समझौते को शीघ्र सम्पन्न करना एक साझा प्राथमिकता के रूप में देखते हैं।’