दोनों देशों के बीच परमाणु ऊर्जा क्षेत्र सहित 22 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
- कोलकाता और खुलना के बीच बस व ट्रेन संबंध बहाल
- पांच अरब डॉलर की वित्तीय मदद देने का फैसला
- तीस्ता जल बंटवारे संधि पर जल्द अंतिम फैसले का आश्वासन
अहम समझौते
- पांच साल का रक्षा सहयोग फ्रेमवर्क बना
- रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए 50 करोड़ डॉलर का कर्ज
- बांग्लादेश में परियोजनाओं के लिए 4.5 अरब डॉलर की मदद
- बांग्लादेश के सैनिकों को मिलेगा भारत में बेहतर प्रशिक्षण
- बांग्लादेश में परमाणु ऊर्जा प्लांट लगाने में मदद करेगा भारत
- सड़क, रेल व जल मार्ग से और तेजी से जुड़ेंगे दोनों देश
वैसे बांग्लादेश सरकार की बहुत चाहत के बावजूद तीस्ता जल बंटवारे पर समझौता नहीं हो सका।
- भारत से बांग्लादेश को एकमुश्त पांच अरब डॉलर की वित्तीय मदद मिली है। इनमें से 4.5 अरब डॉलर भारत बांग्लादेश में विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने में देगा। 50 करोड़ डॉलर की मदद भारत से जरूरी रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए दी जाएगी।
- इसके साथ ही पिछले तीन वर्षों में नई दिल्ली की तरफ से ढाका को दिए जाने वाले आर्थिक मदद का आकार आठ अरब डॉलर का हो जाएगा। लेकिन, यह सुनिश्चित करेगा कि ढाका नई दिल्ली का का एक अहम रक्षा सहयोगी और बाजार बने।
22 में से तीन समझौते परमाणु क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, जो बताता है कि दोनों देश किस तरह से रिश्तों को नई राह दे रहे हैं। इससे आने वाले दिनों में भारत बांग्लादेश में परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने में भी मदद करेगा। यह पहली बार है कि भारत परमाणु तकनीक का निर्यात करने की कोशिश कर रहा है।
बांग्लादेश ने भारत को पूरा आश्वासन दिया है कि उनके देश का इस्तेमाल अब भारत विरोधी के लिए नहीं होगा। भारत-बांग्लादेश सीमा पर शांति व सुरक्षा बनाये रखने के लिए वह हर मुमकिन कोशिश करेंगी।
- दोनों देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ एक-दूसरे की मदद करने को लेकर भी एक समझौता हुआ है।