क्या रूस दशकों पुराने अपने मित्र भारत के हितों को प्रभावित करने की शर्त पर चीन व पाकिस्तान के साथ रिश्तों को आगे बढ़ाना जारी रखेगा?
- भारतीय प्रधानमंत्री एक जून से तीन जून तक रूस की यात्रा पर होंगे जहां वह दोनों देशों के राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरा होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
- पिछले वर्ष जब से रूस ने पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास करने पर भारत की आपत्तियों को नजरअंदाज किया था तभी से भारत सरकार रूस के साथ कूटनीतिक रिश्तों में नई गर्मजोशी लाने की कोशिश कर रही है।
- भारत सरकार ने रूस के साथ हथियार खरीदने के लंबित प्रस्तावों को न सिर्फ तेजी से मंजूरी दी बल्कि द्विपक्षीय आर्थिक कारोबार को बढ़ाने का नया प्रस्ताव भी तुरंत तैयार कर लिया। रूस की तरफ से भी संतोषप्रद प्रतिक्रिया मिली है।
- केंद्र सरकार नजाकत को समझ रही है तभी हर मंत्रालय को अपने स्तर पर रूस के साथ लंबित मामलों पर तेजी से फैसला करने को कहा गया है।
=>हकीकत बनेगी गैस पाइपलाइन
- पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि भारत सरकार जिन देशों के साथ गैस पाइपलाइन पर बात कर रही है उसमें सिर्फ रूस के साथ ही सकारात्मक दिशा में बात आगे बढ़ी है। हाल ही में दोनों देशों ने अपनी तैयारियों का एक दूसरे से आदान-प्रदान किया है।
- इस परियोजना पर पिछले वर्ष गोवा में ब्रिक्स बैठक के दौरान बातचीत हुई थी। पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारी बताते हैं कि पिछले छह महीने के दौरान जो प्रगति हुई है उससे साफ है कि यह परियोजना संभव है। जल्द होने वाली मोदी व पुतिन की शीर्ष बैठक में इस मामले को और आगे ले जाने का रास्ता निकलने की उम्मीद है।
=>रक्षा के साथ कारोबार भी अहम
- भारत अब द्विपक्षीय रिश्तों को सिर्फ रक्षा तक ही सीमित नहीं रखना चाहता है बल्कि उसे व्यापक आयाम देना चाहता है। भारत द्विपक्षीय कारोबार को तेजी से बढ़ाने का प्रस्ताव कर रहा है जिस पर मोदी की रूस में बातचीत होगी।
- हाल ही में भारत व रूस ने इसके लिए एक अरब डॉलर का विशेष फंड बनाने का फैसला किया है। भारतीय रणनीतिकार रूस के साथ मौजूदा 10 अरब डॉलर के द्विपक्षीय कारोबार को 10 वर्षों में 30 अरब डॉलर करने का खाका तैयार कर रहे हैं।
सहयोग के नये आयाम
- 1. रूस निर्मित एस-400 ट्रंफ एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम ले रहा है भारत
- 2. मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत बनाए जाएंगे 200 कामोव हेलीकॉप्टर, दूसरे देशों को भी होगा निर्यात
- 3. रूस जहाज निर्माण के लिए भारत में स्थापित करेगा विशेष संस्थान
- 4. द्विपक्षीय कारोबार बढ़ाने के लिए बने फंड के इस्तेमाल की रणनीति बनेगी
- 5. गैस पाइपलाइन पर भी बात काफी आगे बढ़ी