Ø भारत और इजरायल एक साथ मिलकर मध्यम रेंज की सतह से हवा में मार करने वाली (एमआर-एसएएम) मिसाइल बनाने वाले है।
Ø 17,000 करोड़ के इस सौदे को भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है। इन मिसाइलों का इस्तेमाल भारतीय थल सेना करेगी।
सुरक्षा संबंधी कैबिनेट कमेटी की एक बैठक में इस मिसाइल सौदे को मंजूरी दी गई। भारत अपने रक्षा संबंधों को इजरायल के साथ तेजी से बढ़ाता जा रहा है।
क्या होगी यह परियोजना -
Ø परियोजना को अमल में लाने का काम रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और इजरायली एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री (आइएआइ) मिलकर करेंगे। एमआर-एसएएम मिसाइल नौसेना में पहले से इस्तेमाल हो रही सतह से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की मिसाइल (एलआरएसएएम) का ही छोटा वर्जन है।
Ø थल सेना के लिए बननेवाली इस नई मिसाइल की मारक क्षमता 70 किलोमीटर तक की होगी। 17,000 करोड़ के इस सौदे में 40 फायरिंग यूनिटें लगाने के साथ ही करीब 200 मिसाइलें तैयार की जाएंगी
Ø इस सौदे को मंजूरी तब दी गई है जब दोनों देश अपने कूटनीतिक रिश्तों की 25वीं सालगिरह वर्ष 2017 में मना रहे हैं। इसी उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साल के आखिर में इजरायल की एक यात्रा भी करनी है।
Ø नवंबर 2016 में इजरायली राष्ट्रपति रेवन रिवलिन भी भारत दौरे पर आए थे। तब दोनों देशों ने रक्षा साझेदारी को और बढ़ाने का फैसला किया था।
नोट : उल्लेखनीय है कि भारत मिलेट्री हार्डवेयर के लिए इजरायल का सबसे बड़ा खरीददार है। कुछ सालों से इजरायल भारत को विभिन्न प्रकार की शस्त्र प्रणालियों, मिसाइलों और मानवरहित विमानों की भी आपूर्ति करता रहा है।