संसद का मॉनसून सत्र ख़त्म हो गया. इस सत्र को हाल के सालों में काम-काज के मामले में सबसे सफल सत्र के तौर पर देखा जा रहा है।
- आंकड़े बताते हैं कि 18 जुलाई से 12 अगस्त तक चले सत्र के दौरान लोकसभा में 20 बैठकें हुईं जिसमें 121 घंटे काम हुआ यानि उत्पादकता रही 110.84 फीसदी. वहीं राज्यसभा में भी 20 बैठकें हुईं लेकिन इसमें काम हुआ 112 घंटा यानि उत्पादकता रही 99.54 फीसदी.
- लंबे समय से लटके ऐतिहासिक 122वें संविधान संशोधन विधेयक का पारित होना मॉनसून सत्र की सबसे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. संविधान संशोधन बिल के पारित होने से देश भर में एक टैक्स यानि जीएसटी लागू होने का रास्ता खुल गया है.
- लंबे इंतज़ार के बाद इस विधेयक पर सभी पार्टियों की सहमति बन सकी जिसके बाद इसे पारित करवा लिया गया. वैसे जीएसटी लागू होने से पहले मोदी सरकार को लंबा रास्ता तय करना है.
- संविधान संशोधन विधेयक को अब कम से कम 16 राज्य विधानसभाओं से अनुमति लेनी होगी और उसके बाद शीतकालीन सत्र में जीएसटी बिल पर भी मुहर लगवानी होगी.
- 122वें संविधान संशोधन बिल को मिलाकर कुल 15 बिलों को दोनों सदनों से पारित करवाया गया. इनमें काला धन रोकने के लिए बेनामी लेनदेन ( निषेध ) संशोधन बिल, बाल मज़दूरी ( निषेध ) संशोधन बिल और लोकपाल और लोकायुक्त ( संशोधन ) बिल शामिल हैं. इसके अलावा देश भर में कॉमन मेडिकल परीक्षा यानि नीट से संबंधित अध्यादेश पर भी संसद की मुहर लग गयी.
- मोटर यान ( संशोधन ) बिल और ट्रांसजेंडर पर्संन्स ( प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ) बिल जैसे अहम बिल लोकसभा में पेश किए गए लेकिन पारित नहीं हो सके. सरकार को उम्मीद है कि इन अहम बिलों को अगले सत्र में पारित करवा लिया जाएगा. उधर कामकाजी महिलाओं के लिहाज से महत्वपूर्ण मैटरनिटी बेनिफिट्स बिल को राज्य सभा से तो मंज़ूरी मिल गई लेकिन लोकसभा में पारित नहीं हो सका.