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संसद ने विवादास्पद शत्रु संपत्ति (संशोधन और विधिमान्यकरण) विधेयक, 2017 को अपनी मंजूरी दे दी है. विधेयक में संशोधन के राज्यसभा के प्रस्तावों को लोकसभा ने मंगलवार को ध्वनिमत से मंजूर कर लिया. राज्यसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है
In detail
- प्रस्तावित कानून से पांच दशक पहले के शत्रु संपत्ति कानून, 1968 में संशोधन हो जाएगा. पुराना कानून चीन और पाकिस्तान से साठ के दशक में हुए युद्ध के बाद लागू किया गया था. उसके जरिए चीन और पाकिस्तान चले गए लोगों की देश में मौजूद संपत्तियों पर कब्जे का अधिकार सरकार को मिल गया था.
- New definition: नए संशोधित कानून से ‘शत्रु’ की परिभाषा का विस्तार हो जाएगा. अब ‘शत्रु’ का नया अर्थ पूर्व घोषित शत्रुओं के उत्तराधिकारियों से भी होगा. ऐसे में नए कानून के लागू होने के बाद पूर्व घोषित शत्रु के उत्तराधिकारियों का ऐसी संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं रह जाएगा. यदि ऐसी संपत्ति के मालिक का कोई उत्तराधिकारी भारत लौट भी आता है तो संपत्ति पर उसका कोई हक नहीं होगा. आलोचक कानून के इस प्रावधान को विवादास्पद बता रहे हैं.