देशभर में वर्षों से चली आ रही पंचवर्षीय प्लान की परंपरा 31 मार्च 2017 को बंद हो जाएगी।
★ 1 अप्रैल, 2017 से मप्र समेत सभी राज्य 15, 7 और 3 साल का अलग-अलग प्लान तैयार करेंगे। यानी हर राज्य का 15 वर्षीय पर्सपेक्टिव, 7 वर्षीय स्ट्रेटेजिक और 3 वर्षीय एक्शन प्लान होगा।
★राज्य योजना आयोगों ने भी नीति आयोग के अनुसार 31 मार्च से हर विभाग को अपना-अपना पर्सपेक्टिव, स्ट्रेटेजिक और एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
★ राज्य योजना आयोग ने तीन स्तरीय प्लान तैयार करने के लिए 13 ग्रुप बनाए हैं। इन्हें अपना-अपना प्लान तैयार कर सबमिट करने की तिथि नियत कर दी गई है। विभिन्न समूहों के प्लान पर विचार कर उन्हें अंतिम रूप दिया जाएगा।
★ नीति आयोग को उम्मीद है कि इससे सरकारी कामकाज में गति आएगी और जल्द तथा देरी से पूर्ण होने वाले कार्यों के बीच स्पष्ट विभाजन रेखा होगी। मसलन बड़े बांध, पॉवर प्लान्ट और बड़े उद्योग लंबी अवधि की योजना में रखे जाएंगे, जबकि सड़क, पेयजल जैसे जरूरी काम जल्द पूरे करने होंगे।
★राज्य योजना आयोग ने सभी विभागों को एक प्रारूप दिया है, उसमें विभाग की वर्तमान स्थिति जैसे आधारभूत सर्वेक्षण का डाटा-मूल्यांकन, इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे नए भवन (आवासीय-गैर आवासीय), रेट्रोफिटिंग, सुपर स्ट्रक्चर जैसे सड़क, पुल, जल निकासी, स्कूल-कॉलेज, अस्पताल, कानून व्यवस्था, सुरक्षा मशीनरी, मानव संसाधन, वित्तीय प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, ई-गवर्नेंस, नवाचार, पूर्व पंचवर्षीय योजनाओं के लंबित काम, अनुपयोगी खर्चों में कटौती, राजस्व व्यय, पूंजीगत व्यय आदि को शामिल किया गया है।
=>3 वर्षीय एक्शन प्लान :-
★ सभी विभागों को अपनी-अपनी आवश्यकताओं और कार्यक्षमताओं के आधार पर ऐसे प्लान तैयार करना है जो प्राथमिकता के हिसाब से जरूरी हों और कम समय में पूरे किए जा सकें। उन योजनाओं को 3 साल में पूरा करने के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है।
=>स्ट्रेटेजिक प्लान 7 वर्ष के :-
★ इसके अलावा वे महत्वपूर्ण काम जिन्हें पूरा होने में तीन साल से अधिक समय लगने की संभावना हो, उसे 7 वर्षीय स्ट्रेटेजिक प्लान और सबसे लंबी अवधि में पूर्ण होने वाले कार्यों को 15 साल के पर्सपेक्टिव प्लान में रखा जाएगा।
=>पर्सपेक्टिव प्लान 15 वर्ष के लिए :-
- पर्सपेक्टिव प्लान में रखे गए बिंदुओं के अनुसार राज्य में 15 साल में होने वाले कार्यों को शामिल किया जाएगा, जैसे कोई बांध, अथवा नदी जोड़ो योजना।