★उद्देश्य :-
1.देश के भीतर वाटरवेज का तेजी से विकास करना।
2. मौजूदा नेशनल वाटरवेज और देश में कुछ दूसरे इनलैंड वाटरवेज को नेशनल वाटरवेज घोषित करने के लिए प्रावधान है।
3. शिपिंग और नेवीगेशन के लिए इन वाटरवेज को विकसित करने और इनके रेगुलेशन की भी व्यवस्था।
★ देश में 111 नदियों को वाटरवेज में विकसित करने की योजना है। प्रमुख बंदरगाहों पर स्मार्ट सिटी भी विकसित किए जाएंगे।
★ गंगा नदी में हल्दिया-वाराणसी के बीच 1620 किलोमीटर लंबा जलमार्ग विकसित किया जा रहा है। इस पर 4000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
★ 13 पावर प्रोजेक्टों को कोयला का परिवहन इसके जरिये हो। जलयानों के आने-जाने का समय घटाने के भी प्रयास हो रहे हैं।
★तटीय क्षेत्रों के 13 राज्यों में विकास को प्राथमिकता दी जा रही है।
★जहां दस लाख मछुआरों को इसका फायदा मिलेगा।
★ हाईवेज के साथ शिपिंग सेक्टर का विकास होने से देश के सकल घरेलू उत्पादन को कम से कम दो फीसदा का योगदान मिलेगा।
★अगले पांच साल में शिपिंग और पोर्ट सेक्टर में एक करोड़ रोजगार पैदा होंगे। सरकार इस सेक्टर को उच्च प्राथमिकता दे रही है।