नीरजा भनोट 1986 में 'पैन एम 73' फ्लाइट में 360 लोगों की जान बचाते हुए शहीद हो गई थी। जब ये हादसा हुआ वह 23 साल की थीं।
- नीरजा का जन्म 7 सितंबर 1963 को पत्रकार पिता हरीश भनोट और माता रमा भनोट के घर हुआ था।
-०-० नीरजा जब 22 साल की हुईं तब एक बिजनेसमैन के साथ उनकी शादी कर दी गई। शादी के बाद वो अपने पति के साथ खाड़ी देश चली गईं। जहां दहेज के कारण उन्हें यातनाएं दी जाती थी। नीरजा इन सब से इतना तंग आ गई की शादी के दो महीने बाद ही अपने पति को छोड़कर हमेशा के लिए मुंबई आ गईं।
-०-० मुंबई आने के बाद उसने पैन एम एयरलाइन्स ज्वाइन कर लिया। इस दौरान नीरजा ने एंटी-हाइजैकिंग कोर्स भी किया।
-०-० 5 सितंबर 1986 को नीरजा मुंबई से न्यूयॉर्क जाने वाले विमान में सवार हुईं। विमान में नीरजा सीनियर पर्सन के तौर पर तैनात थी। इस विमान को 4 आतंकियों ने कराची में हाईजैक कर लिया।
- विमान हाईजैक करने के 17 घंटे बाद आतंकियों ने विमान में सवार लोगों को मारना शुरू कर दिया, लेकिन साहसी नीरजा ने हिम्मत दिखाई और विमान के इमरजेंसी दरवाजे खोलकर विमान में सवार 360 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। उस वक़्त विमान में कुल 380 लोग सवार थे।
०-० नीरजा जब विमान से बच्चों को बाहर निकाल रहीं थी उसी वक्त एक आतंकवादी ने उन पर बंदूक तान दी, और मुकाबला करते हुए नीरजा वहीं शहीद हो गईं। वह चाहती तो इमरजेंसी गेट खोलते ही वह खुद वहां से भाग सकती थीं लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
-०-० नीरजा की बहादुरी ने ही उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हीरोइन ऑफ हाईजैक के रूप में मशहूर कर दिया।
-०-० बहादुरी के इस कारनामे के लिए नीरजा को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया।
-०-० इस सम्मान को पाने वाली वे सबसे कम उम्र की भारतीय हैं।