- सरकार ने बाजार नियामक सेबी के प्रमुख यू के सिन्हा को एक साल का सेवा विस्तार दे दिया है।
- वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल के अभी थमने के आसार नहीं है इसलिए सरकार नहीं चाहती कि सेबी प्रमुख पद पर कोई बदलाव किया जाए।
- यही वजह है कि कैबिनेट सचिव पी के मिश्रा की अध्यक्षता वाली समिति के वित्तीय क्षेत्र के कई चर्चित लोगों के साक्षात्कार करने के बाद भी सरकार ने सिन्हा को ही सेबी प्रमुख के पद पर जारी रखने का फैसला किया है।
- सिन्हा का कार्यकाल 17 फरवरी को खत्म हो चुका था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की नियुक्ति संबंधी समिति ने उनके सेवा विस्तार को मंजूरी दी।
- उनका कार्यकाल 18 फरवरी से एक मार्च 2017 तक या कैबिनेट के अगले आदेश तक रहेगा। सिन्हा 1976 बैच के बिहार कैडर के आइएएस अधिकारी हैं।
- उन्होंने 18 फरवरी 2011 को यूपीए सरकार के कार्यकाल में सेबी प्रमुख का कार्यभार संभाला था।
- सिन्हा के कार्यकाल के दौरान सेबी ने पूंजी बाजार में कई सुधारों के साथ-साथ आइपीओ, म्यूच्युअल फंड और कॉरपोरेट संबंधी कई नियमों में बदलाव किए हैं। उन्होंने शेयर बाजार के माध्यम से कर चोरी करने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की है।
***सरकार ने हाल में फॉरवर्ड मार्केट कमीशन का विलय भी सेबी में कर दिया है।