भारत इतिहास में अब तक के सबसे भीषण पानी के संकट का सामना कर रहा है. नीति आयोग ने कम्पोजिट वाटर मैनेजमेंट इंडेक्स (सीडब्ल्यूएमआई) की रिपोर्ट जारी करते हुए यह बात कही.
- आयोग का कहना है कि इस संकट के चलते लाखों लोगों की आजीविका और जिंदगी खतरे में है.
- आयोग ने चेतावनी भी दी है कि हालात और बदतर होने वाले हैं. उसके मुताबिक साल 2030 तक देश में पानी की मांग मौजूदा आपूर्ति से दोगुनी हो सकती है.
- आयोग की बातों से संकेत मिलते हैं कि भारत में करोड़ों लोगों के लिए पानी की उपलब्धता गंभीर रूप से कम हो सकती है.
- कहा जा रहा है कि इससे देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) छह प्रतिशत तक कम हो सकता है. आयोग के मुताबिक
- भारत में इस समय 60 करोड़ लोग पानी के संकट से प्रभावित हैं. साफ और सुरक्षित पानी नहीं मिलने की वजह से हर साल करीब दो लाख लोगों की मौत होती है.
- नीति आयोग का कहना है कि पानी के मुद्दे पर केंद्र और राज्यों को आपसी सहयोग में सुधार लाने की जरूरत है. आयोग ने कहा, ‘(सहयोग में कमी की वजह से) देश की नदियों को लेकर सात बड़े विवाद चल रहे हैं जिनमें 11 राज्य शामिल हैं. कृषि प्रोत्साहन जैसी नीतियों को लेकर भी तालमेल सीमित है.’