SC gave another landmark judgement for transparency in election....
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव सुधार को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि चुनाव हलफनामे में उम्मीदवारों को अपने साथ अपने जीवनसाथी और आश्रितों की भी संपत्ति और उसके स्रोत की जानकारी देनी होगी.
याचिकाकर्ता ने जनप्रतिनिधित्व कानून में बदलाव करने और चुनाव हलफनामे में उम्मीदवारों और उनके परिजनों की संपत्ति के साथ-साथ उनके स्रोत बताने के लिए एक और कॉलम जोड़ने की मांग की गई थी. इसमें यह भी कहा गया था कि अगर कोई जनप्रतिनिधि सरकार के साथ कॉन्ट्रेक्ट रखने वाली कंपनी में अपने परिजनों की हिस्सेदारी की जानकारी नहीं देता है तो उसे अयोग्य घोषित करने का भी प्रावधान होना चाहिए.
इस मामले में जनवरी में सौंपे हलफनामे में चुनाव आयोग ने भी कहा था कि इसके लिए जनप्रतिनिधित्व कानून में संशोधन करने की जरूरत है. चुनाव आयोग ने यह भी कहा था कि यह कदम स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है, ताकि मतदाता अपने उम्मीदवारों के आय का स्रोत भी जान सकें. वहीं, सितंबर 2017 को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा था कि वह 98 विधायकों और नौ लोकसभा सदस्यों की जांच कर रहा है, जिनकी संपत्ति में एक समय में कई गुना बढ़ गई थी. लेकिन चुनाव हलफनामे के आधार पर याचिकाकर्ता का कहना था कि 26 लोकसभा और 11 राज्यसभा सांसदों के साथ 257 विधायकों की संपत्ति बहुत तेजी से बढ़ी है.
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