थानों में महिला हेल्प डेस्क के लिए केंद्र 100 करोड़ देगा
गृहमंत्रालय ने देश भर के पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क बनाने के लिए निर्भया फंड से 100 करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं। यह योजना राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अमल में लाई जाएगी।
क्या किया जाएगा
महिला हेल्प डेस्क थानों में महिलाओं के लिये अनुकूल माहौल बनाने में मदद करेंगी। ये हेल्प डेस्क महिलाओं के लिए एकमात्र और पहला संपर्क बिंदु होंगे। यहाँ महिला पुलिस अफसरों की ही तैनाती की जाएगी। गृह मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक महिला हेल्प डेस्क पर तैनात होने वाली महिला अफसरों को महिलाओं के प्रति संवेदनशील रुख अपनाने व अन्य जरूरतों के लिहाज से प्रशिक्षित किया जाएगा। गृहमंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि हेल्प डेस्क के पास वकील, मनोवैज्ञानिक और स्वयंसेवी संस्थाओं के विशेषज्ञों का एक सूचीबद्ध पैनल होगा। जिससे जरूरतमंद महिलाओं को कानूनी सहायता, सलाह, पुनर्वास आदि में मदद दी जा सके।
गौरतलब है कि निर्भया कांड के बाद उठाये गए तमाम कदमों में एक थानों में महिला हेल्प डेस्क और महिला अफसरों की तैनाती का प्रस्ताव भी शामिल था। देश के कई राज्यों में ये प्रक्रिया शुरू भी हुई लेकिन पर्याप्त फंड न होने का हवाला देकर सभी जगहों पर इसे लागू नही किया जा सका। निर्भया फंड की राशि खर्च न होने की बात भी सामने आई थी। अब हैदराबाद और फिर उन्नाव की घटना के बाद सरकार एक बार फिर से हरकत में आई है। महिला हेल्प डेस्क के लिए केंद्र की ओर से निर्भया कोष के तहत सहायता दी जाएगी।
’ महिला अफसरों के सामने महिला फरियादियों को अपनी समस्या सुनाने में हिचक नही होगी। ’ रजिस्टर में नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज होने से आसानी से पुलिस संपर्क कर लेगी।
’ थाना पर महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की जाएगी। ’ हेल्प डेस्क पर महिला पुलिस कर्मचारियों की तैनाती होगी। ’ पुलिस कर्मचारी अपने पास एक रजिस्टर रखेंगी। उसमें ब्यौरा दर्ज होगा। ’ महिलाओं की समस्याओं को धैर्यपूर्वक सुनकर उनके समाधान की कोशिश की जाएगी। ’ महिला क्यों और कैसे आई है। इसका जिक्र रजिस्टर में भी पूरी तरह से किया जाएगा। ’ रजिस्टर में महिला की समस्या से संबंधित पूरी जानकारी दी जाएगी। ’ समय-समय पर समीक्षा करके इस पर हुई कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की जाएगी।