केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने देश में मानव अधिकारों के बेहतर संरक्षण और संवर्धन के लिए मानव अधिकार(NHRC) संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2018 को अपनी स्वीकृति दे दी है।
प्रमुख विशेषताएं:
- विधेयक में आयोग के मानित सदस्य के रूप में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को शामिल करने का प्रस्ताव है।(#GSHINDI, #THECOREIAS)
- विधेयक आयोग के गठन में एक महिला सदस्य को जोड़ने का प्रस्ताव करता है।(#GSHINDI, #THECOREIAS)
- विधेयक राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग तथा राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष पद के लिए पात्रता और चयन के दायरे को बढ़ाने का प्रस्ताव करता है।
- विधेयक में केन्द्रशासित प्रदेशों में मानव अधिकारों के उल्लंघन के मामलों को देखने के लिए एक व्यवस्था बनाने का प्रस्ताव है।
- विधेयक में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग तथा राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के कार्यकाल में संशोधन का प्रस्ताव है, ताकि इसे अन्य आयोगों के अध्यक्ष और सदस्यों के कार्यकाल के अनुरूप बनाया जा सके।(#GSHINDI, #THECOREIAS)
Read more@ GSHINDI Sarokaar-Role and efficacy of NHRC
लाभः
इस संशोधन से भारत में मानव अधिकार संस्थानों को मजबूती मिलेगी और संस्थान अपने दायित्वों और भूमिकाओं तथा जिम्मेदारियों का कारगर निष्पादन कर सकेंगे। इतना ही नहीं, संशोधित अधिनियम से मानवाधिकार संस्थान जीवन, स्वतंत्रता, समानता तथा व्यक्ति के सम्मान से संबंधित अधिकारों को सुनिश्चित करने में सहमत वैश्विक मानकों का परिपालन करेंगे।(#GSHINDI, #THECOREIAS)
पृष्ठभूमिः
मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम. 1993 में संशोधन से राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) तथा राज्य मानव अधिकार आयोग (एसएचआरसी) कारगर तरीके से मानव अधिकारों का संरक्षण और संवर्धन करने के लिए अपनी स्वायत्तता, स्वतंत्रता, बहुलवाद तथा व्यापक कार्यों से संबंधित पेरिस सिद्धांत का परिपालन करेंगे।(#GSHINDI, #THECOREIAS)
Q. What are the work area of NHRC? How effective have it been to protect rights of humans in India?