लगभग 13 महीनों में देशभर में सोने गहनों और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग अनिवार्य होने वाली है। लेकिन पूवरेत्तर के राज्यों और पांच केंद्र शासित प्रदेशों में सोने की शुद्धता की पहचान और हॉलमार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। आंकड़ों के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम, लद्दाख, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, दादरा एवं नगर हवेली, दमन व दीव तथा लक्षद्वीप में एक भी गोल्ड हॉलमार्किंग सेंटर नहीं है।
इसके लिए अधिसूचना अगले वर्ष 15 जनवरी तक जारी कर दी जाएगी, और जौहरियों को पुराना स्टॉक निकालने के लिए एक वर्ष की मोहलत दी जाएगी। हॉलमार्किंग अनिवार्य किए जाने से ग्राहकों को शुद्घ सोना मिलेगा। वर्तमान में सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग ऐच्छिक है।
क्या होती है हॉलमार्किंग
हॉलमार्किंगसोने की शुद्घता का प्रमाण होता है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग के लिए अधिकृत अथॉरिटी है। बीआईएस उपभोक्ता मामलों के मंत्रलय के अधीन है। ब्यूरो ने सोने के गहनों की हॉलमार्किंग के लिए तीन ग्रेड 14 कैरट, 18 कैरट और 22 कैरट में स्टैंडर्ड निर्धारित किए हैं। मंत्रलय के अनुसार ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए सोने के गहनों की हॉलमार्किंग अनिवार्य है।
4सोने के गहनों की हॉलमार्किंग 15 जनवरी, 2021 से होगी अनिवार्य