भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) की एक अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार खाद्य प्रबंधन की बदइंतजामी के चलते खेत से खलिहान और यहां से उपभोक्ताओं तक पहुंचने के पहले ही लगभग एक लाख करोड़ रुपये मूल्य के फल, सब्जियां और अन्य खाद्य वस्तुएं हर साल सड़कर नष्ट हो जाती हैं
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- खाद्य वस्तुओं के रखरखाव के लिए देश में कोल्ड स्टोर की संख्या जरूरत से बहुत कम होने की वजह से यह दिक्कत पेश आ रही है।
- खेतों से कटाई के बाद कृषि उपजों के खराब होने की दिक्कतें बहुत अधिक हैं। दरअसल, इस बाबत कृषि और खाद्य प्रसंस्करण मंत्रलय के सहयोग से कोल्ड चेन बनाने की योजना को मंजूरी मिली है, लेकिन व्यापक परियोजना नहीं बन पाने के कारण पूरी तरह सफल नहीं हो पा रही है।
- किसान के खेत से उपज को सीधे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग इकाइयों तक पहुंचाना और उसके बने उत्पादों को बाजार तक ले जाने की समग्र व्यवस्था का अभाव है।
- देशभर में इस समय कुल 5367 कोल्ड स्टोर हैं जो जरूरत को पूरा करने में नाकाफी साबित हो रहे हैं।