देश की खाद्य सुरक्षा के लिए यह राहत की बात है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में जबर्दस्त सुधार की संभावना है।
- मानसून की अच्छी बारिश और सरकार की नीतिगत तैयारियों के मद्देनजर रबी सीजन में खाद्यान्न की बंपर पैदावार होने का अनुमान है।
- जबकि दलहन के उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि होगी। देश की खाद्य सुरक्षा के लिए यह राहत की बात है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में जबर्दस्त सुधार की संभावना है।
- कृषि मंत्रालय की ओर से जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक चालू वर्ष में खाद्यान्न की कुल पैदावार अब तक की सर्वाधिक 27.19 करोड़ टन होगी।
- इससे दालों की महंगाई से आजिज उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। साथ ही, आयात पर निर्भरता भी घट सकती है। दलहन की पैदावार में 50 लाख टन अतिरिक्त की बढ़ोतरी होने जा रही है
- यह पैदावार भी अपने आप में उच्चतम है। पिछले साल दलहन की कम पैदावार के चलते बाजार में दालों के दाम सातवें आसमान को छूने लगे थे। इस चुनौती से निपटने के लिए 60 लाख टन दालों का आयात करना पड़ा था।
- रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की पैदावार भी अब तक की सर्वाधिक 9.66 करोड़ टन है।
यह आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले अधिक है। मानसून की अच्छी बारिश के चलते मिट्टी में पर्याप्त नमी के चलते गेहूं की खेती का रकबा भी बढ़ा है। मोटे अनाज की पैदावार में अप्रत्याशित बढ़त दर्ज की गई है। मोटे अनाज वर्ग की सभी फसलों की कुल पैदावार 4.43 करोड़ टन होगी। यह पिछले साल के मुकाबले 58 लाख टन अधिक है।
चालू कृषि वर्ष 2016-17 में कुल 27.19 करोड़ टन खाद्यान्न का उत्पादन होगा। यह वर्ष 2013-14 के 26.5 करोड़ टन के रिकॉर्ड उत्पादन के मुकाबले अधिक है। लगभग 70 लाख टन खाद्यान्न की पैदावार अधिक होने जा रही है। बीते फसल वर्ष के मुकाबले यह पैदावार 2.04 करोड़ टन ज्यादा है।
=>दलहन की सर्वाधिक उपज
- अरहर और उड़द की खेती का रकबा बढ़ने की वजह से दलहन फसलों की पैदावार भी उच्चतम स्तर को छू सकती है। अरहर के बाद चने की मंहगाई ने लोगों का जायका खराब किया है।
- लेकिन चालू रबी सीजन में चने की पैदावार 91 लाख टन तक होने का अनुमान है। यह आंकड़ा पिछले साल के 70 लाख टन के मुकाबले काफी अधिक है।