भारत और अमेरिका ने चार अतिरिक्त जासूसी विमान "पोसिडोन-8आइ" खरीदने के लिए एक अरब डॉलर का सौदा किया है। लंबी दूरी का यह निगरानी विमान पनडुब्बी ध्वस्त करने वाला युद्धक विमान भी है।
★ इस सौदे का मकसद हिंद महासागर में चीन की गतिविधियों की निगरानी करना है।
★ हिंद महासागर में पनडुब्बियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भारत ने पहले ही लंबी दूरी की क्षमता वाले आठ पी-8आइ विमान तैनात कर रखे हैं। आज हुए सौदे के चार विमानों के अगले तीन साल में सेवा में आने की उम्मीद है।
★ यह विमान न सिर्फ निगरानी के काम आएंगे बल्कि इन्हें पनडुब्बियों को मार गिराने के लिए हारपून मिसाइलों से भी लैस किया गया है। इसके अलावा विमान में हल्के तारपीडो, रॉकेट आदि भी हैं।
★इस विमान की उपलब्धता के साथ भारतीय नौसेना अब समुद्र में पैराशूट गिराकर भी निगरानी और लापता विमानों का खोजी अभियान कर सकेगी। फिलहाल भारतीय वायुसेना छोटे पैराशूट गिराकर लापता विमान एनएन32 की तलाश कर रही है।
★उल्लेखनीय है कि चीन के नौसेना के विस्तार और सुदूर स्थानों में अपनी पनडुब्बियों को भेजने के चलते भारत भी अपनी नौसैनिक निगरानी क्षमता को बढ़ा रहा है। दरअसल चीन ने समूचे हिंद महासागर में अपनी दखलंदाजी बढ़ा दी है। उसने परमाणु हथियारों से लैस नौका श्रीलंका के डौक में स्थापित की है।
★भारत ने अमेरिकी कंपनी से यह सौदा 2.1 अरब डॉलर में किया था। भारत ने पिछले साल ही अमेरिका के साथ 22 अपाचे और 15 चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदे गए थे। दोनों देशों के बीच कुल 3 अरब डॉलर का सौदा हुआ था। बुधवार को हुए सौदे को मिलाकर पिछले एक दशक में करीब 15 अरब डॉलर का रक्षा सौदा हुआ है।