"इंडियन नेवी में शामिल हुआ सबमरीन 'खांदेरी', कई गुना बढ़ी भारत की ताकत"

इंडियन नेवी की ताकत को और बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस'खांदेरी सबमरीन'को नेवी में शामिल कर लिया गया है। 
★नेवी में शामिल करने के बाद इसके कई ट्रायल लिए जाएंगे फिर नौसेना के वार जोन में इसे जगह दी जाएगी।

=> शिवाजी के किले से मिला नाम...

★इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड(एमडीएल)ने फ्रांस के मैसर्स डीसीएनसी के साथ मिलकर किया है।
★पनडुब्बी'खांदेरी'का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज के द्वीप किले खांदेरी के नाम पर रखा गया है। 
★किले ने 17 वीं सदी में समुद्र में मराठों के वर्चस्व को सुनिश्तित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

★रडार से बच निकलने में सक्षम स्वदेश निर्मित स्कॉर्पीन श्रेणी की खांदेरी दूसरी पनडुब्बी है। इससे पहले'कलवरी'का जलावतरण और समुद्र परीक्षण हो चुका है।

=>>कड़े टेस्ट से पास करना होगा

★12 जनवरी को जलावतरण होने के बाद'खांदेरी'पनडुब्बी को दिसंबर 2017 के बीच कठोर परीक्षणों से गुजरना होगा।

-इसमें बंदरगाह और समुद्र दोनों तरह के परीक्षण शामिल हैं। भारतीय नौसेना में पहली'खांदेरी'पनडुब्बी 6 दिसंबर 1986 में कमीशन हुई थी और करीब 20 साल तक देश की सेवा करने के बाद 18 अक्टूबर 1989 डिकमीशन हुई थी।

=>>खांदेरी की विशेषता

1.यह दुश्मन का पता लगते ही उस पर गाइडेड हथियारों से हमला करने में पूरी तरह से सक्षम है।
2-यह पानी के नीचे से और जल के सतह से दोनों तरह से दुश्मन पर हमला कर सकती है।
3-इससे तारपीडो के साथ-साथ ट्यूब से भी एंटी शिप मिसाइलें दागी जा सकती हैं।
4-इसकी स्टैल्थ तकनीक इसे अन्य पनडुब्बियों के मुकाबले शानदार व बेजोड़ बनाती है।
5-इस पनडुब्बी का इस्तेमाल अन्य किसी भी आधुनिक पनडुब्बी द्वारा किये जाने वाले विविध प्रकार के कार्यों के लिए किया जा सकता है। जैसे:-एंटी भूतल युद्ध,पनडुब्बी रोधी जंग,खुफिया जानकारी जुटाने,बारूद बिछाने,निगरानी रखना व अन्य।

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