भारत में बनी इंटरसेप्टर मिसाइल का कामयाब टेस्ट, 2000 KM तक करेगी अटैक

- पूरी तरह से भारत में बनी इंटरसेप्टर मिसाइल का टेस्ट कामयाब रहा है। ओडिशा के अब्दुल कलाम आईलैंड से मिसाइल को फायर किया गया। यह एक सुपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 2000 किलोमीटर की रेंज में आने वाली दुश्मन की मिसाइलों को मार गिराने की ताकत रखती है। डीआरडीओ अफसरों ने बताया कि मिसाइल ने बंगाल की खाड़ी में अपने टारगेट को हिट किया।

 

=> इंटरसेप्टर की खासियतें...

- ये मिसाइल पूरी तरह से भारत में बनी है। इसे DRDO ने बनाया है।

- इसकी लंबाई 7.5 मीटर है, जिसमें एडवांस नेविगेशन सिस्टम लगा है।

- एंटी बैलिस्टिक मिसाइल सुपरसोनिक (हवा की रफ्तार से भी तेज) है।

- फिलहाल मिसाइल 2000 KM तक हवा में मार कर सकती है, जिसे अपग्रेड किया जा रहा है।

 

=>कैसे मजबूत होगा डिफेंस सिस्टम?

- इंटरसेप्टर से भारत का दो लेयर वाला एयर डिफेंस सिस्टम (AAD) मजबूत होगा।

- इंटरसेप्टर के पास खुद अपना मोबाइल लॉन्चर है।

- हवा के रास्ते देश में अगर दुश्मन का प्लेन या मिसाइल घुसने की कोशिश करता है तो यह उसे पहचान कर मार गिराने के काबिल है।

- इसका वजन 1.2 टन बताया जा रहा है।

 

=>दो बार फेल हो चुके हैं टेस्ट

- अप्रैल, 2015 में भी मिसाइल का टेस्ट हुआ था, जो कामयाब नहीं हो सका था।

- लॉन्चिंग के कुछ सेकंड बाद ही मिसाइल समंदर में जा गिरी थी।

- इंटरसेप्टर का आखिरी टेस्ट नबंवर, 2015 में किया गया था, जो कामयाब रहा था।

- डीआरडीओ अब तक एंटी बैलिस्टिक मिसाइल के 12 टेस्ट कर चुका है, जिनमें सिर्फ दो ही फेल हुए हैं।

 

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