सरहदों पर सुरक्षा को पुख्ता करेगा कार्टोसेट

#Editorial_Bhaskar

Background:

फरवरी में एक साथ 104 उपग्रह छोड़ने का रिकॉर्ड बनाने के बाद शुक्रवार को इसरो ने अपने पीएसएलवी प्रक्षेपण यान से 31 उपग्रह लॉन्च किए, जिसमें 29 नैनो उपग्रह ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली व ऑस्ट्रेलिया जैसे अन्य देशों के हैं। इसमें भारत का जो उपग्रह है वह सरहद व पड़ोसी देशों पर निगाह रखेगा। पहले ही पांच उपग्रह सरहदों की निगरानी कर रहे हैं और यह छठा उपग्रह 500 किलोमीटर की ऊंचाई से पड़ोसी देश के टैंकों की गिनती तक कर सकता है।

 

 सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाइयों में ऐसे उपग्रहों द्वारा भेजे चित्र बहुत उपयोगी साबित हुए हैं। प्रक्षेपण की इन सफलताओं के साथ एक चुनौती भी इसरो के सामने हैं और वह है अपने उपग्रहों की सुरक्षा।

 

Security of satellites:

  • उपग्रहों का काम पूरा होने के बाद भी वे अपनी कक्षा में 30 हजार किलोमीटर प्रति सेकंड की भीषण रफ्तार से घूमते रहते हैं और इतनी रफ्तार के कारण वे न सिर्फ उपग्रह बल्कि स्पेस स्टेशन तक को नष्ट कर सकते हैं।
  •  ऐसे में अब इसरो का ध्यान बेकार उपग्रहों से अपने उपग्रहों को बचाने पर भी है। इसने ऐसे राडार बनाए हैं, जो 30 से 50 सेंटीमीटर के आकार की चीजों का 800 से 1000 किलोमीटर दूरी पर ही पता लगा लेते हैं, जिससे उपग्रहों को बचाने की कार्रवाई का वक्त मिल जाता है।
  • जाहिर है उपग्रह का प्रक्षेपण, फिर उसे वांछित ऊंचाई की कक्षा में स्थापित करना, स्थापित होने के बाद उसे नियंत्रित करना, उससे प्राप्त महत्वपूर्ण डैटा का सही इस्तेमाल करना और फिर इन उपग्रहों की सुरक्षा भी करना यह सब इतना आसान नहीं है।

Complex Technology

यह बड़ी जटिल टेक्नोलॉजी का नतीजा है। ऐसी टेक्नोलॉजी कोई देश किसी दूसरे देश को नहीं देता। यह संबंधित देश को खुद ही विकसित करनी पड़ती है। फिर इस टेक्नोलॉजी का फायदा हमें विकास के अन्य मोर्चों पर भी मिलता है। जैसे देश की सुरक्षा की दृष्टि से निगरानी के लिए भेजे उपग्रहों की टेक्नोलॉजी को विकसित कर अब बड़े पैमाने पर आपदा प्रबंधन में किया जा रहा है। मौसम संबंधी अनुमान लगाने में किया जा रहा है और दूरसंवेदी उपग्रहों की मदद से धरती के भीतर के खनिज भंडारों का भी पता लगाने में मदद ली जा रही है। अब जरूरत सिर्फ वैज्ञानिक अनुसंधान और टेक्नोलॉजी विकास का जो मॉडल इसरो ने सफलतापूर्वक अपनाया है, उसे विज्ञान के अन्य क्षेत्रों में लागू करके उसी प्रकार की कामयाबी का रास्ता अन्य क्षेत्रों में खोलने की है।

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