- भारत ने युद्धपोत से जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इसके साथ ही नौसेना को समुद्र से दुश्मन के इलाके में अंदर तक मार करने की क्षमता हासिल हो गई है।
- सुपरसोनिक लैंड क्रूज मिसाइल के सफल परीक्षण के साथ भारत चुनिंदा देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है।
- भारत से पहले केवल अमेरिका, रूस, चीन और ब्रिटेन के पास ही समुद्र से जमीन पर मार करने की लैंड क्रूज सुपरसोनिक मिसाइल क्षमता रही है।
- इस मिसाइल का परीक्षण बंगाल की खाड़ी में किया गया। लंबी दूरी की ब्रह्मोस मिसाइल का यह संस्करण भारत और रूस ने मिलकर विकसित किया है। ब्रह्मोस मिसाइल का एंटी शिप संस्करण पहले से ही नौसेना के पास है।
- नौसेना के कोलकाता, रणवीर और तेग जैसे जंगी जहाज एंटी शिप मिसाइल से दुश्मन पर प्रहार करने की क्षमता रखते हैं।
संक्षिप्त विवरण :
- ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सहारे नौसेना समुद्र में दुश्मन की सीमा से दूर रहते हुए भी उसके अंदर के जमीनी लक्ष्य पर सटीक प्रहार कर सकती है। वैसे भारतीय सेना ने ब्रह्मोस लैंड क्रूज मिसाइल का वर्ष 2007 में ही सफल आपरेशन शुरू कर दिया था।
- ब्रह्मोस मिसाइल से नौसेना को लैस करने का आगाज 2005 में हुआ था।
- ब्रह्मोस मिसाइल की क्षमता 290 किलोमीटर की दूरी तक मार करने की है।
- भारत अपनी सेनाओं के आधुनिकीकरण के साथ इनकी रणनीतिक सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिहाज से 450 से लेकर 800 किलोमीटर रेंज के ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल विकसित करने पर काम कर रहा है।