- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के ठंडे बस्ते में पड़ी स्वदेशी एयरो इंजन परियोजना 'कावेरी' फिर से शुरू की जाएगी।
- DRDO की अनुषंगी इकाई गैस टरबाइन अनुसंधान प्रतिष्ठान (जीटीआरई) को इस परियोजना में अब फ्रांसीसी कंपनी स्नेक्मा का साथ मिलेगा।
- डीआरडीओ ने वर्ष 2018 तक स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस पर कावेरी इंजन को परखने का लक्ष्य रखा है। कावेरी इंजन परियोजना में फ्रांसीसी एयरो इंजन निर्माता कंपनी स्नेक्मा की मदद 36 राफाल युद्धक विमानों के सौदे से ऑफसेट नीति के तहत मिलेगी।
why this :
अरबों यूरो के राफाल लड़ाकू विमान सौदे में अतिरिक्त फायदे के तहत फ्रांस ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस की नाकाम हो चुकी कावेरी इंजन परियोजना को फिर से पटरी पर लाने और अन्य उच्च स्तरीय सहयोग के लिए भारत को मदद की बात कही है। ऑफसेट नीति के तहत फ्रांस की तरफ से सैन्य अंतरिक्ष अनुसंधान और विकास कार्यक्रमों के लिए 30 प्रतिशत ऑफसेट प्रतिबद्धता और बाकी 20 प्रतिशत यहां राफाल के लिए कल पुर्जा बनाने की है।