- भारत का पहला एकीकृत रक्षा संचार नेटवर्क शुरू किया गया जिसकी मदद से थलसेना, वायु सेना, नौसेना और विशेष बल कमान शीघ्र निर्णय लेने की प्रक्रिया के लिए परिस्थिति के अनुसार जानकारी साझा करेंगे।
- सामरिक एवं अत्यंत सुरक्षित रक्षा संचार नेटवर्क (डीसीएन) की पहुंच लद्दाख से लेकर पूर्वोत्तर और द्वीप क्षेत्रों तक पूरे भारत में है।
- यह नेटवर्क सैन्य प्रक्रिया के सभी चरणों में उस सहयोग (ज्वाइंटमैनशिप) की ओर एक कदम है, जिसे सरकार सशस्त्र बलों में लाने की कोशिश कर रही है।
- तीनों बलों के अपने स्वयं के कमान, संचार एवं खुफिया नेटवर्क हैं लेकिन ऐसा पहली बार है जब बड़े स्तर पर तालमेल के लिए एक समर्पित नेटवर्क होगा।
- ‘इन दिनों युद्ध कैसे लड़े जाते हैं, यह बात तकनीक निर्धारित करती है। इस नेटवर्क की पहुंच पूरे भारत में है और यह इस तथ्य का प्रमाण है कि भारतीय सेना एवं सिग्नल कोर उनके सामने आने वाली हर प्रकार की चुनौती एवं जिम्मेदारी से निपटने में सक्षम हैं।’
- डीसीएन का निर्माण एचसीएल ने करीब 600 करोड़ रपए की परियोजना के तहत किया है।
- यह नेटवर्क देशभर में फैले 111 प्रतिष्ठानों को कवर करता है और उच्च गुणवत्ता वाली आवाज, वीडियो, डेटा सेवाएं मुहैया कराता है।