- द इकॉनमिस्ट की crony capitilism पर प्रकाशित रिपोर्ट का आकलन है कि भारत में क्रोनी वेल्थ जीडीपी की 3 प्रतिशत है जो साल 2008 में 18 प्रतिशत हुआ करती था।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि उस वक्त पूरी दुनिया में क्रोनीइजम चरम पर था। इकॉनमिस्ट की ताजा सूची में भारत नवें स्थान पर आ गया है।
- किन पैमानों के आधार पर: इकॉनमिस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि कमोडिटी प्राइसेज में कमी, उभरते बाजारों की करंसी और शेयरों की गिरती कीमतें तथा एशिया में प्रॉपर्टी बूम के अंत से वैश्विक पैमाने पर क्रोनी वेल्थ में कमी आई।
- इकॉनमिस्ट की चेतावनी है कि यूं तो सरकार ने पारदर्शिता लाने के लिए टेलिकॉम स्पेक्ट्रम, खनन आधिकारों आदि के लिए ई-ऑक्शन समेत कई कदम उठाए हैं। लेकिन, इन्हें बरकार रख पाना बहुत कठिन होगा। मसलन, अगर कमोडिटी की कीमतें बढ़ीं तो क्रोनी कैपिटलिस्टों की संपत्ति भी बढ़ेगी।
क्या है क्रोनी कैपिटलिजम:
इसका मतलब है राजनीतिक सांठ-गांठ से जमा की गई पूंजी