वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट ने भारत सरकार के विकास के दावों पर आघात पहुंचाया है. वर्ल्ड बैंक की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, बिजनेस करने में आसानी वाले देशों की रैकिंग में भारत 130वें पायदान पर है.
- पिछले साल के मुकाबले भारत की रैंकिंग में एक पायदान का सुधार हुआ है, लेकिन वो भी इसलिए क्योंकि वर्ल्ड बैंक ने भारत की पिछले साल की रैंकिंग को संशोधित कर 130वें स्थान से 131वें स्थान पर कर दिया.
- वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, देश ने निर्माण परमिट, कर्ज हासिल करने और अन्य मानदंडों के मामले नाममात्र या कोई सुधार नहीं किया है.
- वर्ल्ड बैंक की ताजा ‘डूइंग बिजनेस’ रिपोर्ट में भारत की स्थिति में पिछले साल के मुकाबले कोई सुधार नहीं हुआ है. विभिन्न मानदंडों के आधार पर भारत 190 देशों में 130वें पायदान पर था. हालांकि पिछले साल की रैंकिंग को संशोधित कर 131वां कर दिया गया है. इस लिहाज से देश ने एक पायदान का सुधार किया है.
=>सरकार ने रिपोर्ट पर उठाए सवाल
- सरकार व्यापार सुगमता के लिये प्रयास कर रही है और उसका लक्ष्य देश को शीर्ष 50 में लाना है. वर्ल्ड बैंक के इंडेक्स में रैंकिंग में कोई सुधार नहीं होने को लेकर केंद्र सरकार ने निराशा जताई और कहा कि रिपोर्ट में उन 12 प्रमुख सुधारों पर विचार नहीं किया गया जिसे सरकार कर रही है.
-अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन और बेहतर गतिविधियों के बीच अंतर को मापने वाला ‘डिस्टेंस टू फ्रंटियर’के लिए 100 अंक है. इसमें भारत को इस साल 55.27 अंक मिले, जो पिछले साल 53.93 था. भारत एकमात्र देश है जिसकी रिपोर्ट में एक बॉक्स है. जिसमें जारी आर्थिक सुधारों की बातें हैं.
- वर्ल्ड की डूइंग बिजनेस 2017 की सूची में न्यूजीलैंड पहले स्थान पर जबकि सिंगापुर दूसरे पायदान पर है. उसके बाद क्रमश: डेनमार्क, हांगकांग, दक्षिण कोरिया, नार्वे, ब्रिटेन, अमेरिका, स्वीडन तथा पूर्व यूगोस्लाव मैसिडोनिया गणराज्य का स्थान है.
- सुधारों को आगे बढ़ाने के आधार पर 10 प्रमुख देश ब्रुनेई दारूसलाम, कजाकिस्तान, केन्या, बेलारूस, इंडोनेशिया, सर्बिया, जॉर्जिया, पाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात तथा बहरीन हैं. वर्ल्ड बैंक के अनुसार दुनिया में 137 अर्थव्यवस्थाओं ने प्रमुख सुधारों को अपनाया जिससे छोटे और मझोले आकार की कंपनियों को शुरू करना और कारोबार करना करना आसान हुआ है.
=>>इन 10 मानदंडों के आधार पर रैंकिंग
1. व्यापार शुरू करना,
2. निर्माण परमिट हासिल करना,
3. बिजली प्राप्त करना,
4. संपत्ति का पंजीकरण,
5. कर्जप्राप्त करना,
6. अल्पांश निवेशकों का संरक्षण,
7. कर का भुगतान,
8. सीमा पार कारोबार,
9.अनुबंधों को लागू करना तथा
10.शोधन अक्षमता का समाधान.
=>बिजली के मामले में 51वें से 26वें पायदान पर आया भारत
- विभिन्न क्षेत्रों में भारत की रैंकिंग सुधरी है. बिजली प्राप्त करने के मामले में भारत 51वें स्थान से 26वें स्थान पर आ गया है. इसी प्रकार, सीमाओं के पार व्यापार के मामले में रैंकिंग एक स्थान सुधरकर 143 तथा अनुबंधों को लागू करने के मामले में छह पायदान बढ़कर 172 पर पहुंच गया.
=>>इन मामलों में गिरी भारत की रैकिंग
- हालांकि कारोबार शुरू करने के लिहाज से भारत की रैंकिंग चार स्थान खिसककर 155वें स्थान पर आ गयी जबकि निर्माण परमिट के मामले में एक पायदान नीचे 185वें पर आ गई. कर्ज के मामले में रैंकिंग दो अंक नीचे 44वें पर आ गई।