- अब भारत में भी विदेश की तरह शीशे की कोच वाली ट्रेनें चलेंगी. इसकी शुरुआत कश्मीर और तमिलनाडु से होगी, जहां सामान्य ट्रेनों को शीशे की छत वाली कुछ बोगियां लगाकर चलाया जाएगा।
- इसके लिए इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आईआरसीटीसी) ने लखनऊ स्थित रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) तथा पेरंबूर (चेन्नई) स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) के साथ करार किया है। दोनों मिलकर इन बोगियों की डिजाइन तैयार करेंगे।
- पहले कोच को रमणीक कश्मीर घाटी में चलने वाली एक नियमित ट्रेन में लगाया जाएगा। जबकि अन्य दो कोच दक्षिण-पूर्व रेलवे पर सुरम्य अरक घाटी (केके लाइन, वाल्टेयर स्टेशन) जाने वाली कुछ ट्रेनों में जोड़े जाएंगे।
=>लागत - भारत में बनने वाले अपनी तरह के पहले ऐसे बोगी के निर्माण पर प्रति कोच लगभग चार करोड़ रुपये की लागत आएगी।
=> मुख्य उद्देश्य :- इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देने और भारत तथा विदेश-दोनों जगहों से संपन्न पर्यटकों को आकर्षित करना है।
- अभी स्विट्जरलैंड जैसे कुछ देशों में शीशे की छत वाली ट्रेनें चलती हैं जिनमें पर्यटकों को बिना किसी अवरोध ट्रेन के बाहर के मनोरम दृश्यों का लुत्फ उठाने का मौका मिलता है।
- भारत में इस तरह की ट्रेनें चलने से देश में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। यात्रियों को बाहर का पूरा दृश्य दिखाने की सहूलियत के लिहाज से ट्रेन में घूमने वाली अति आरामदेह कुर्सियां लगाई गई हैं। इनमें पैर फैलाने की भी पूरी जगह है। पर्यटकों के मनोरंजन के लिए कुर्सियों के पीछे विमानों की भांति टीवी स्क्रीन की व्यवस्था भी की गई है।