- पेटेंट नियमों में हालिया संशोधन से दुनिया भर की स्टार्टअप्स अब भारत में ज्यादा तेजी से और काफी कम कॉस्ट पर 'तत्काल' ऑप्शन के तहत पेटेंट का रजिस्ट्रेशन करवा सकती हैं
- फायदा उन इकाइयों को भी मिलेगा, जो भारत में अपना पहला आवेदन दायर करेंगी।
- सरकार स्टार्टअप की परिभाषा को पेटेंट नियमों का हिस्सा बनाना चाहती है, ताकि नई रिजीम के तहत स्पेशल बेनेफिट्स को पहुंचाया जा सके।
- नए नियम में पेटेंट मुहैया कराने के पीरियड को 5-7 साल से घटाकर तुरंत ढाई साल और मार्च 2018 तक डेढ़ साल करने की है।
- नए नियमों में स्टार्टअप्स को कंपनियों के बजाय 'किसी शख्स' की तरह बताया गया है, जिससे पेटेंट फीस में कटौती होगी और स्टार्टअप एक्शन प्लान के मुताबिक स्टार्टअप्स 80 फीसदी छूट के योग्य हो सकेंगी।
- पेटेंट रजिस्ट्रेशन जल्दी हासिल करने के लिए स्टार्टअप्स को डबल फीस देनी होगी, जबकि कंपनियों को इस तीन गुना ज्यादा रकम देनी होगी।