Objectives
- कृषि से संबंधित प्रौद्योगिकियों के विकास का रास्ता प्रशस्त करना तथा किसान समुदाय के सामने विश्व में कृषि क्षेत्र से संबंधित सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों को सामने लाना।
- किसानों समुदाय को विश्व भर में फैली निवेश प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी प्रदान करना।
ग्लोबल एग्रीटेक सम्मेलन में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए बनाई गई योजनाओं का विवरण दिया जो निम्नांकित है-
1. प्रत्येक खेत को सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए-प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
2. जैविक खेती के तहत अधिक से अधिक क्षेत्र को खेती के तहत लाने के लिए परंपरागत कृषि विकास योजना
3. किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार, ई-नाम की शुरूआत की गई है। ई-नाम की शुरूआत 14 अप्रैल, 2016 से की गई है तथा 8 राज्यों के 21 मंडियों को इसमें कवर किया गया है। अभी तक 10 राज्यों में स्थित सभी 250 मंडियों को ई-नाम से जोड़ दिया गया है।
4. मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की राजस्थान के सूरतगढ़ में शुरूआत की गई है। मार्च, 2017 तक 14 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लक्ष्य मुकाबले आज की तारीख तक 3.15 करोड़ कार्डों का वितरण कर दिया गया है। यह योजना किसानों के लिए उर्वरकों के उपयुक्त उपयोग से संबंधित सटीक निर्णय लेने के लिए सुगम है।।
5.प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना।
6.स्वदेशी गोजातीय प्रजातियों के विकास एवं संरक्षण के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरूआत की गई है जिससे कि वैज्ञानिक पद्धति के साथ स्वदेशी गोजातीय प्रजातियों के विकास एवं संरक्षण के लिए मार्ग प्रशस्त किया जा सके।।
7. सरकार ने मछली पालन क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए नीली क्रांति की शुरूआत की है क्योंकि इसका मछुआरों, महिला मल्लाहों एवं जल जीव पालन से जुड़े लोगों की आजीविका को बेहतर बनाने में काफी योगदान है।।
8. मेरा गांव मेरा गौरव के तहत ग्रामीण कृषि व्यवसाय को वैज्ञानिक खेती बनाने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों के कृषि विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा।
9.सरकार ने मौसम विज्ञान विभाग से संबंधित एक पूर्वानुमान प्रणाली की स्थापना करने, वैज्ञानिकों एवं किसानों का क्षमता निर्माण करने तथा किसानों को अत्याधुनिक प्रौदयोगिकियों की आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने पर विशेष जोर दिया है।। विशेष तथ्य:- नीति आयोग ने राजस्थान को वर्ष 2016 के लिए कृषि विपणन एवं किसान केंद्रित बेहतरी सूचकांक से संबंधित श्रेणी में तीसरा स्थान प्रदान किया है। राज्य की कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि विपणन नीति 2015 कृषि उत्पादों के मूल्य संवंर्धन को प्रेरित करती है। यह कटाई उपरांत परिदृश्य में होने वाले नुकसानों में कमी लाती है तथा कृषि विपणन के क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों के उपयोग को प्रोत्साहित करती है।