- प्रधानमंत्री आवास योजन(शहरी) के क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना(सीएलएसएस) के तहत मिलने वाले ऋण की अवधि को 15 से बढ़ाकर 20 वर्ष करने को मंजूरी प्रदान कर दी है।(ईडब्ल्यूएस/एलआईजी का सीएलएसएस नाम कर दिया गया है)। इसका नाम समाज के आर्थिक रूप से कमजोर या कम आय समूह के लिए सीएलएसएस होगा।
- एमआईजी वर्ग के लिए नए क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना को एमआईजी के लिए प्रस्तुत किया गया है।
- प्रधानमंत्री आवास योजन(शहरी) के क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना के तहत प्राथमिक ऋण संस्थानों को अनुमति देने के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताज्ञर किए गए हैं। इससे एमआईजी के लिए सीएलएसएस के तहत सही बदलाव हो सकेंगे।
- इस योजना को युक्तिसंगत बनाने और ऋण आवंटित करने के लिए एक निर्धारित प्रक्रिया शुल्क का प्रावधान किया गया है जिसका भुगतान प्राथमिक ऋण संस्थानों के पक्ष में किया जाएगा।
- प्रस्तावित सीएलएसएस के तहत एमआईजी के लिए शुरुआत में 2017-18 के बजट में इसके लिए 1000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।और
- प्रभारी मंत्रालय के अनुमोदन के बाद एमआईजी के लिए सीएलएसएस को लेकर वैकल्पिक दिशानिर्देश जारी किए गए हैं
उद्देश्य
- मौजूदा प्रधानमंत्री आवास योजना(शहरी)-सभी के लिए घर योजना के तहत ईडब्ल्यूएस और एलआईजी के सेगमेंट में उठाव बढ़ाना।
- मध्यम आय समूह(एमआईजी) तक पहुंच
- प्राथमिक ऋण संस्थानों के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाना
- हाउसिंग और शहरी विकास में हिस्सेदारी के लिए प्राथमिक ऋण संस्थानों को प्रोत्साहित करना
- फंड, आवश्यक फंड और बजटीय प्रावधान की उपलब्धताऔर
- प्रक्रिया या क्रियान्वयन कार्यक्रम का स्पष्ट होना
समाज के ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी हिस्सों के बीच इस योजना की पहुंच से 2022 तक सभी के लिए घर का सपना पूरा हो सकेगा। इससे हिस्सेदारी और समग्रता सुनिश्चित होगी। प्रक्रियाओं और योग्यता को लेकर प्राथमिक ऋण संस्थानों के संतुष्ट होने के बाद लाभार्थी के खाते में सब्सिडी और होम लोन का भुगतान कर दिया जाएगा। एमआईजी के लिए प्रस्तावित ब्याज सब्सिडी योजना इस श्रेणी के आवास की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक नया दृष्टिकोण है