Ø एक बीमित- दो डिस्पेंसरी’ योजना के तहत ईएसआईसी ने बीमित व्यक्ति (आईपी) को नियोक्ता के जरिए दो डिस्पेंसरी का चयन करने का विकल्प दिया है, जिनमें से एक डिस्पेंसरी का चयन खुद के लिए और दूसरी डिस्पेंसरी का चयन अपने परिवार के लिए करना होगा।
Ø इससे सभी बीमित व्यक्ति विशेषकर ऐसे प्रवासी कामगार लाभान्वित होंगे, जो अपने गृह राज्य को छोड़ कहीं और कार्यरत हैं, जबकि उनके परिवार अपने मूल राज्य में ही जीवन यापन कर रहे हैं।
Ø दूसरी डिस्पेंसरी का विकल्प उपलब्ध न होने के कारण परिवार के आश्रित सदस्यों को अक्सर चिकित्सा लाभों से वंचित रहना पड़ता है।
Ø ‘एक बीमित- दो डिस्पेंसरी’ की अवधारणा को मूर्त रूप प्रदान करने से अब बीमित व्यक्तियों के साथ-साथ उनके परिवारिक सदस्यों को भी इनमें से किसी भी डिस्पेंसरी में इलाज कराने की सुविधा मिल जाएगी और इसके साथ ही आपातकालीन स्थिति में उन्हें किसी भी ईएसआई संस्थान में यह सुविधा मिल जाएगी।
Ø वर्तमान में लगभग 3 करोड़ बीमित व्यक्तियों को ईएसआईसी के अंतर्गत कवर किया जा चुका है और लाभार्थियों अर्थात बीमित व्यक्तियों एवं उनके पारिवारिक सदस्यों की कुल संख्या 12 करोड़ से भी ज्यादा हो गई है।
‘आधार पर आधारित ऑनलाइन दावा प्रस्तुतिकरण’ योजना के तहत वे सभी ईपीएफ सदस्य पीएफ के अंतिम निपटान (फॉर्म 19), पेंशन निकासी लाभ (फॉर्म 10-सी) और पीएफ आंशिक निकासी (फॉर्म 31) के लिए सीधे अपने यूएएन इंटरफेस से आवेदन कर सकेंगे जिन्होंने अपने यूएएन को सक्रिय कर दिया है और अपने केवाईसी (आधार) को ईपीएफओ से जोड़ दिया है। ईपीएफ के दावा संबंधी कार्यभार में 80 प्रतिशत से भी ज्यादा का सामूहिक योगदान इन्हीं तीनों फॉर्मों का रहता है। सदस्यगण समूची प्रक्रिया को ऑनलाइन ही पूरा कर सकते हैं और दावे को ऑनलाइन पेश करने के लिए उन्हें न तो नियोक्ता और न ही ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क साधने की कोई जरूरत है। सदस्यगण को ऑनलाइन पीएफ आंशिक निकासी को प्राथमिकता देते समय कोई भी सहायक दस्तावेज देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अग्रिम दावे को प्राथमिकता देते समय सदस्य द्वारा ऑनलाइन आवेदन किए जाने को ही उसकी स्व-घोषणा के रूप में मान लिया जाएगा।