Why?
- स्तनपान को प्रोत्साहन तथा समर्थन देने के लिए प्रति वर्ष अगस्त के पहले सप्ताह में स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है।
- इस वर्ष के स्तनपान सप्ताह का विषय है 'सतत स्तनपान'।
Scheme for breast feeding:
स्तनपान को बढ़ावा देने के प्रयासों को तेज़ करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर पर ‘MAA-मा का पूर्ण स्नेह’ कार्यक्रम प्रारंभ किया है ताकि स्तनपान को प्रोत्साहन दिया जा सके और स्तनपान को समर्थन देने के लिए विभिन्न प्रावधानों/ सेवाओं को लागू किया जा सके।- इसके अलावा, "सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में लैक्टेशन प्रबंध केंद्र पर राष्ट्रीय दिशानिर्देश" हाल ही में जारी किए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बीमार और समय पूर्व जन्म लिए बच्चों को सुरक्षित स्तनपान उपलब्ध हो सके।
Features of MAA
- एमएए कार्यक्रम के प्रमुख घटकों में जागरूकता पैदा करना, स्तनपान के प्रचार और सामुदायिक स्तर पर व्यक्तिगत परामर्श को बढ़ावा देना, मां और नवजात के निवास स्थान पर ही स्तनपान का परामर्श देना और इसकी निगरानी शामिल हैं।
- इन प्रयासों के लिए मान्यता/पुरस्कार की भी व्यवस्था की गई है।
- इस कार्यक्रम के तहत आशा कार्यकर्ताओं को गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं तक पहुंचने और पारस्परिक बातचीत के दौरान स्तनपान के लाभ और इसकी तकनीक के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
- सभी स्वास्थ्य केंद्रों और उप-केंद्रों के स्वास्थ्य कर्मियों तथा एएनएम को स्तनपान से संबंधित मुद्दों के संदर्भ में मां को कुशल सहायता प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
Why breastfeeding important
- स्तनपान बच्चे के जीवन और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण व कम लागत वाला प्रयास है। जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराने से नवजात शिशुओं की मृत्यु में 20% तक की कमी की जा सकती है।
- जिन शिशुओं को स्तनपान नहीं कराया जाता है, उनमें न्यूमोनिया से मरने की संभावना 11 गुना ज्यादा होती है। इसी प्रकार इन बच्चों में डायरिया से मरने की संभावना 15 गुना ज्यादा होती है।
- पांच साल से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु के उक्त दो कारण प्रमुख हैं। इसके अलावा, जिन बच्चों को स्तनपान नहीं कराया जाता है उनमें मधुमेह, मोटापे, एलर्जी, अस्थमा, ल्यूकेमिया, अचानक मृत्यु, सिंड्रोम आदि से ग्रस्त होने की संभावना अधिक होती है। मृत्यु और रुग्णता लाभ के अलावा, स्तनपान से बच्चों में बेहतर मानसिक विकास भी होता है।
Result of past effort
स्तनपान की प्रवृत्ति में वृद्धि हुई है। हाल के आंकड़ों के अनुसार पिछले दशक में प्रारंभिक स्तनपान की दर लगभग दोगुनी हो गई है। (अर्थात 23.4 प्रतिशत से 41.6 प्रतिशत ,एनएफएच-3, 2005-06 और 4, 2015-16)। 6 महीने से कम उम्र के बच्चे जिन्हें सिर्फ मां का दूध उपलब्ध कराया जाता है, के अनुपात में भी वृद्धि हुई है। यह 46.4 प्रतिशत (एनएफएच-3) से बढ़कर 54.9 (एनएफएच-4) प्रतिशत हो गई है। हालांकि, देश में संस्थागत प्रसव के उच्च अनुपात को देखते हुए प्रारंभिक स्तनपान दर में सुधार करने के अधिक अवसर मौजूद हैं