क्या है सागरमाला परियोजना :- ]
- सागरमाला के अंतर्गत बंदरगाहों का आधुनिकीकरण, बंदरगाह आधारित औद्योगिकीरण और बंदरगाह कनेक्टिविटी में वृद्धि, तटीय क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रमुख कार्य होंगे।
तटीय आबादी के समावेशी विकास हेतु प्रावधान:---
- सतत समावेशी विकास सागरमाला का एक अभिन्न अंग है, जोकि आर्थिक विकास, समुदायों का पोषण और पारिस्थितिक तंत्र के संतुलन की रक्षा करने पर बल देता है।
- भारत की करीब 18 फीसदी आबादी 72 तटीय ज़िलों में रह रही है। विशेष रूप से मछुआरों की आबादी सहित तटीय क्षेत्रों में रहने वाले विभिन्न समुदायों के समग्र एवं सतत विकास की अत्यधिक आवश्यकता है।
- - पोत परिवहन मंत्रालय गुजरात के अलंग-सोसिया पुनरावर्तन (रीसाइक्लिंग) यार्ड पर जहाज़ रीसाइक्लिंग गतिविधियों में लगे 20,000 कर्मचारियों में क्षमता निर्माण और उन्हें सुरक्षा प्रशिक्षण देने के लिए 30 करोड़ रुपये मंज़ूर कर चुका है। -
- इसके अलावा, मछुआरा समुदाय को विकसित करने की प्रक्रिया में मदद करने के लिए पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन विभाग के सहयोग से पोत परिवहन मंत्रालय सागरमाला के अंतर्गत चुनिंदा मछली पकड़ने की बंदरगाह परियोजनाओं को अनुदान मुहैया करा रहा है।
- मुंबई में ससून डॉक स्थित मौजूद मछली पकड़ने के बंदरगाह के आधुनिकीकरण के लिए 13 करोड़ रुपये मंज़ूर किए जा चुके हैं।
- वहीं महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और गुजरात स्थित 09 मछली पकड़ने के बंदरगाहों के अद्यतन (अपग्रेड) के लिए 50 करोड़ रुपये को सैद्धांतिक रूप से मान्यता दी जा चुकी है।
- पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन विभाग के सहयोग से पोत परिवहन मंत्रालय गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के पोत और मछली प्रसंस्करण केन्द्रों के विकास के कार्य में भी सहयोग करेगा।
- कौशल विकास पहलों के जरिए ये कार्यक्रम विशेष रूप से तटीय समुदायों के लिए आजीविका के अवसरों को बढ़ाएंगे और उनको रोज़गार और जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न तरह के कौशल से परिपूर्ण करेंगे।। -
- मंत्रालय तटीय समुदायों को आजीविका के अधिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से तटीय पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है। इसके अंतर्गत प्रकाशस्तंभों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना और भारत में क्रूज़ पर्यटन को बढ़ावा देना आदि शामिल है।। -
- वैश्विक स्तर पर बंदरगाहों ने खुद को तटीय समुदायों के सतत विकास के इंजन के रूप में साबित किया है, ये बंदरगाह तटीय क्षेत्रों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लाभ पहुंचा रहे हैं। सिएटल बंदरगाह सफलता की एक ऐसी ही कहानी है।
- मछली पालन, क्रूज़ संचालन, मनोरंजक गतिविधियां और बंदरगाह रियल एस्टेट आदि बंदरगाह की मालवाहक गतिविधियों से दो लाख प्रत्यक्ष एवं सात लाख अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन हुआ है और करीब 10 बिलियन डॉलर की आय को भी इसके ज़रिए बढ़ावा मिला है।।
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.साभार : विशनाराम माली