मेथानॉल को बढ़ावा देने के लिए ‘मेथानॉल इकॉनमी फंड’ बनाएगी सरकार, घटेगा तेल आयात

नीति आयोग ने साल 2030 तक कच्चे तेल के आयात में सालाना 100 अरब डॉलर की कमी का लक्ष्य रखा है। 

सरकार स्वदेशी तौर पर तैयार मेथानॉल को बढ़ावा देने के लिए ‘मेथानॉल इकॉनमी फंड’ पर विचार कर रही है, जो 2030 तक भारत के कच्चे तेल के 10 फीसदी आयात का स्थान ले सकता है, इससे कच्चे तेल के बिल में करीब 30 फीसदी की कटौती होगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

मेथानॉल पालिसी के तहत पेट्रोल में 15 फीसदी मेथानॉल मिलाने की बात रखी गयी है |

लोकसभा में मेथनॉल पर बयान देते हुए गडकरी ने कहा कि नीति आयोग ने ‘मेथनॉल अर्थव्यवस्था’ के अंतिम रोडमैप में साल 2030 तक कच्चे तेल के आयात में सालाना 100 अरब डॉलर की कमी का लक्ष्य रखा है।

गडकरी के हवाले से एक बयान में कहा गया, “इस नवीनीकृत, वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देने के लिए एक ‘मेथनॉल इकॉनमी फंड’ पर चर्चा की जा रही है। अंतर्देशीय जलमार्ग और समुद्री क्षेत्र में मेथनॉल अर्थव्यवस्था में रूपांतरण को लेकर जल्द ही कैबिनेट नोट जारी कर दिया जाएगा।” 

2030 तक कच्चे तेल के आयात में 10 फीसदी कमी करने का लक्ष्य 

उन्होंने कहा कि नीति आयोग के रोडमैप के मुताबिक, उनका लक्ष्य अकेले मेथनॉल के जरिए कच्चे तेल के आयात में साल 2030 तक 10 फीसदी कमी करने का है।

गडकरी ने कहा, “मेथनॉल और डाइमेथाइल दोनों भारत में पेट्रोल और डीजल से सस्ते हैं, जिनका प्रयोग कर भारत अपने ईंधन के बिल में साल 2030 तक 30 फीसदी की कमी कर सकता है।”

उन्होंने कहा कि स्वदेशी ईंधन की लागत करीब 19 रुपये लीटर है, जो कि किसी भी उपलब्ध ईंधन विकल्प से कम से कम 30 फीसदी सस्ता है।

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