बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागर विमानन नीति को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी|
क्या है निति में:
- नीति में आंचलिक मार्गों पर वायु संपर्क मजबूत करने तथा विमानन क्षेत्र में उच्च वृद्धि की संभावनाओं का लाभ उठाए जाने पर जोर दिया गया है।
- विवादास्पद 5/20 नियम आंशिक रूप से समाप्त : अब नई एयरलाइनों को इंटरनेशनल उड़ानों के लिए पांच साल तक डोमेस्टिक उड़ानों की शर्त का पालन नहीं करना पड़ेगा।
- 0/20 नियम चलेगा: मौजूदा नियमों के मुताबिक, 20 हवाई जहाजों वाली ऐसी कंपनी को ही विदेशी उड़ानों की इजाजत दी जाती है, जो घरेलू क्षेत्र में पांच साल से उड़ानें भर रही हो। अब पांच साल का नियम हट जाएगा, लेकिन 20 विमान होना पहले की तरह आवश्यक रहेगा।
- नीति में एयरलाइनों व एयरपोर्ट आपरेटरों को करों में राहत देकर छोटे व मझोले शहरों तक हवाई यातायात सुविधा पहुंचाने तथा एक घंटे की विमान यात्रा के लिए अधिकतम 2500 रुपये अथवा आधे घंटे के लिए 1250 रुपये किराया वसूलने पर जोर दिया गया है। इसके लिए मेट्रो शहरों के बीच उड़ान भरने वालों से रीजनल कनेक्टिविटी सेस वसूला जाएगा।
- नीति में एयरपोर्ट अथारिटी को नुकसान से बचाने के लिए एएआइ के एयरपोर्ट से डेढ़ सौ किमी के भीतर दूसरा एयरपोर्ट बनाए जाने पर उसे मुआवजा देने का प्रावधान है।
- वैट आदि में कमी का फैसला राज्य सरकारों को लेना होगा। लिहाजा अब यात्रियों को सस्ती हवाई यात्रा की सुविधा देने की काफी हद तक जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर भी आएगी।
- इसमें हेलीकाप्टर सेवाओं, एमआरओ और ग्राउंड हैंडलिंग सेवाओं को बढ़ावा देने के उपाय भी किए गए हैं। इसके नियम भी घोषित किए जाएंगे। निषिद्ध क्षेत्र से बाहर 5000 फीट तक ऊंचाई की हेलीकाप्टर उड़ानों के लिए एटीसी की अनुमति जरूरी नहीं होगी।
- घरेलू शिड्यूल्ड एयरलाइनों को अपनी खुद की एजेंसी रखने की छूट मिलेगी।रूट डिस्पर्सल गाइडलाइंस को भी युक्तिसंगत बनाया गया है। अब उन्हीं रूटों को श्रेणी-1 माना जाएगा जिनकी लंबाई 700 किमी तथा जिन पर 70 फीसद औसत सीट फैक्टर के साथ सालाना पांच लाख यात्री उड़ते हों।
नीति के फायदे
- रिपोर्ट्स के अनुसार नई नीति में विमानन कंपनियों के लिए अब तक जरूरी 5/20 नियम को बदल दिया गया है और इसकी जगह 0/20 नियम लेगा।
- अब विमानन कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए 20 विमानों की जरूरत होगी लेकिन अंतरराष्ट्रीय सेवा शुरू करने के लिए पांच साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
- खबर है कि नई एविएशन पॉलिसी के अंतर्गत आपको 1 घंटे के सफर के लिए 2500 रुपये का किराया देना होगा वहीं 30 मिनट के लिए आपको इसके अंतर्गत 1200 रुपये का हवाई किराया देना होगा।
- रिपोर्ट्स के अनुसार नई नीति के लागू होने के बाद अब यात्रियों को टिकट कैंसिल कराने पर रिफंड महज पंद्रह दिनों के अंदर मिल जाएगा।
- यह भी प्रस्ताव था कि अगर कोई यात्री अपना टिकट कैंसल करवाता है तो कंपनी कैंसिलेशन चार्ज के तौर पर यात्री से 200 रुपए से ज्यादा नहीं वसूल सकती।
- नई पॉलिसी में यह भी प्रस्ताव है कि एविएशन कंपनी अगर कोई फ्लाइट रद्द करती है तो उसे इसकी सूचना ग्राहकों को 2 महीने पहले देनी होगी और पूरा रिफंड भी करना होगा।
- टिकट कैंसल करने के मामले में घरेलू हवाई यात्रा के लिए रिफंड 15 दिन और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के मामले में 30 दिनों के भीतर रिफंड देना होगा।
- विमान में यात्रा के दौरान यात्रियों को अपने साथ अब 15 किलो तक का सामान ले जाने की छूट होगी साथ ही उसके उपर हर एक किलो पर 100 रुपए देने होंगे। इससे पहले कंपनियां हर एक किलो पर 300 रूपए वसूलती थीं।
- विमान में ओवर बुकिंग होने पर अगर यात्री को सवार नहीं होने दिया जाता है तो उसकी मुआवजा राशि बढ़ाकर 20 हजार रुपए कर दी गई है।