- ग्रामीण विकास मंत्रलय की स्थाई संसदीय समिति के सामने प्रत्यावेदन के अनुसार कई सांसद जनता के आक्रोश को बहाना बनाकर योजना बंद कराना चाहते हैं।
- समिति ने योजना में धन आवंटन की समस्या पर असंतोष जाहिर किया है।
- समिति ने कहा है की सांसद आदर्श ग्राम योजना में धन का आवंटन नहीं होने से गांव गोद लेने वाले सांसदों की छवि खराब हो रही है
- समिति ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रलय ने माना है कि योजना के लिए धनराशि का प्रावधान नहीं किए जाने की वजह से कई समस्याएं हो रही हैं
आँकड़े अब तक
- योजना के तहत 543 लोकसभा सदस्यों में से 499 सांसदों ने चुने हैं गांव।
- अब तक 44 लोकसभा सदस्यों ने गांवों का चुनाव नहीं किया है।
- इनमें सबसे ज्यादा 38 पश्चिम बंगाल से हैं।
- राज्यसभा में 200 सांसदों ने गांवों का चुनाव किया है। जबकि 52 राज्यसभा सांसदों ने गांव नहीं चुने हैं।
सांसद आदर्श ग्राम योजना के रास्ते की बाधाएं
- 'सांसद आदर्श ग्राम योजना’ को लेकर सबसे बड़ी रुकावट यह महसूस की जा रही है कि इसके लिए अलग से धन का कोई प्रावधान नहीं किया गया, बल्कि सांसदों से अपेक्षा की गई है कि वे अपनी 'संसदीय क्षेत्र विकास निधि’ (एमपीलैड) का उपयोग करें
- सांसदों का राजनीतिक भविष्य : सांसद आशंकित है कि अपनी कोशिशों से वे एक गांव को आदर्श बना देंगे, तो उससे उनके चुनाव क्षेत्र के दूसरे सैकड़ों गांवों में ईर्ष्या का भाव पैदा होगा, जिसकी कीमत उन्हें आने वाले चुनाव में चुकानी पड़ सकती है।
- सांसदों द्वारा गांवों के चयन के सिलसिले में सामाजिक-सांप्रदायिक तनाव और भेदभाव बढ़ाने वाली एक खतरनाक प्रवृत्ति भी उभरकर आई है।
क्या है सांसद आदर्श ग्राम योजना
- 11 अक्टूबर 2014 को प्रारंभ की गई
- इसका उद्देश्य: उद्देश्य गांवों और वहाँ के लोगों में उन मूल्यों को स्थापित करना है जिससे वे स्वयं के जीवन में सुधार कर दूसरों के लिए एक आदर्श गांव बने। जिससे लोग उनका अनुकरण उन बदलावों को स्वयं पर भी लागू करें।
- आदर्श ग्राम की पहचान : सांसद को अपने पसंद की एक ग्राम चुनने का अधिकार होगा. ग्राम पंचायत बुनियादी इकाई होगी. मैदानी इलाकों में जहां गांव की जनसंख्या तीन हजार से पांच हजार के बीच होनी चाहिए. वहीं दुर्गम और पहाड़ी इलाकों में जनसंख्या एक हजार से तीन हजार के होगी. 2024 तक सभी गांवों को आदर्श ग्राम बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
- बुनियादी सुविधाएं : गांव में स्कूल, हॉस्पिटल, पुस्तकालय व्यायाम और खेल के लिए भी मैदान जैसी सुविधाएं होगी. लोगों को ई-साक्षर करने के साथ ही हिंसा और अपराध मुक्त गांव बनाया जायेगा. गांव दिवस मनाने के साथ ही हर घर व सभी सार्वजनिक स्थानों पर शौचालय का निर्माण कराया जायेगा.
- सुशासन : आदर्श ग्राम योजना का मतलब मजबूत और जवाबदेह ग्राम पंचायतों और ग्राम सभाओं के माध्यम से स्थानीय लोकतंत्र की स्थापना है. सभी के पास यूआइडी कार्ड, ई-शासन, समयबद्ध सेवा, स्थानीय भाषा में दीवारों पर योजना और उसके निस्तारण की तिथि अंकित करना शामिल होगा. किस मद में कितनी राशि का बजट है. कितना खर्च हुआ है इसे दीवार पर लिखना होगा. शिकायत निवारण केंद्र बनाया जायेगा. शिकायत करने पर उसका निवारण लिखित उत्तर के साथ तीन सप्ताह के भीतर निवारण करना