"स्कूल और आंगनबाड़ी को एक ही निगरानी तंत्र में लाने की पहल"

- स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति से ले कर उनके प्रदर्शन और स्वास्थ्य की निगरानी के लिए तैयार हो रही आईटी आधारित केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को जल्द ही एकीकृत कर दिया जाएगा। साथ ही इससे आंगनबाड़ी को भी जोड़ा जाएगा।

- इससे सरकार के लिए बच्चों तक तीन साल की उम्र से स्कूल छोड़ने तक नियमित रूप से पहुंच पाना आसान हो सकेगा।

-  आईटी आधारित तंत्र को एकीकृत करने की पहल पर सैद्धांतिक रूप से कोई मतभेद नहीं है। इससे फायदा यह होगा कि बच्चों के लिए शुरुआत से ही सभी योजनाएं एक साथ समग्र रूप से लागू की जा सकेंगी।

- आंगनबाड़ी में दी जाने वाली 70 फीसदी सेवाएं वही हैं, जिनकी निगरानी स्वास्थ्य मंत्रालय अपनी अलग व्यवस्था के तहत कर रहा है।"

- मानव संसाधन विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा महिला और बाल विकास मंत्रालय अपने निगरानी तंत्र को न सिर्फ एक-दूसरे के लिए उपलब्ध करवा देंगे, बल्कि इसे पूरी तरह एकीकृत करने के लिए काम करेंगे।

- इस लिहाज से आधार पहचान पत्र बड़ी भूमिका निभा सकता है। इससे बच्चों से जुड़ी योजनाओं में भ्रष्टाचार काफी हद तक कम किया जा सकेगा। विभिन्न मंत्रालयों का श्रम भी बचेगा।

- योजनाओं को लाभार्थियों तक पहुंचाने में भी यह एकीकरण मददगार साबित होगा। अगर एक बच्चा तीन साल की उम्र में आंगनबाड़ी में पहुंचता है, तभी उसके सभी आंकड़े एकीकृत व्यवस्था में दर्ज हो जाएंगे।

- ये आंकड़े स्कूल और स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं के लिए भी उपयोग में लाए जा सकेंगे। इसमें कोशिश की जाएगी कि आने वाले कुछ वर्षों के अंदर सभी लाभार्थी के बायोमीट्रिक आंकड़े उपलब्ध हों। यह काम आधार के जरिए आसानी से हो सकता है।

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