Ø स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनाये गये 60 फीसदी शौचालय पानी की पर्याप्त आपूर्ति न होने की वजह से इस्तेमाल के लायक नहीं हैं
Ø साथ ही गांवों में अभी भी 55.4 फीसदी लोग खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं
Ø शहरों में ऐसे लोगों की संख्या 7.5 फीसदी है. ये बातें नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) द्वारा किए गए सर्वे में सामने आई हैं.
Ø इस सर्वे के नतीजे अक्टूबर, 2019 तक देश को खुले में शौच करने से मुक्त करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर सवालिया निशान लगाते हैं.
Ø देश में साफ-सफाई संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार तो हुआ है, लेकिन इस दिशा में अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है. मोदी सरकार के आने के बाद से सब्सिडी की मदद से पूरे देश में करीब 3.5 करोड़ नए शौचालय बने हैं.