बदलने की सिफारिश क्यों:
मानव संसाधन विकास मंत्रलय की ओर से जारी अहम बिंदु या ‘इनपुट’ में स्कूलों में छात्रों के सीखने के स्तर पर गंभीर चिंता जताई गई है। इसमें कहा गया कि आठवीं तक बच्चों को फेल नहीं करने की मौजूदा नीति को बदला जाएगा क्योंकि इससे छात्रों के अकादमिक प्रदर्शन पर गंभीर असर पड़ा है। इसे पांचवीं तक सीमित किया जाएगा।
अन्य सुझाव
सभी राज्य छात्रों को पांचवीं तक की शिक्षा उनकी मातृभाषा अथवा स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में दें। अंग्रेजी को दूसरी भाषा का दर्जा देने की सिफारिश की गई है। व्यापक स्तर पर ओपन अॅानलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने की जरूरत पर ध्यान देते हुए इस काम के लिए अलग से स्वायत्त संस्थान शुरू करने की सिफारिश की है।