- वैश्विक लैंगिक विषमता रिपोर्ट में वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य को महिलाओं और पुरुषों के बीच सबसे चुनौतीपूर्ण असमानता के रुप में सूचित किया गया है।
- इस रिपोर्ट में भारत लैंगिक समानता सूचकांक में 21 पायदान ऊपर उठा है। मगर भारत अभी भी 144 देशों में निराशाजनक 87वें स्थान पर है।
- ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2016 के मुताबिक भारत ने पूरी तरह से प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा दाखिले में लैंगिक अंतर को खत्म कर दिया है।
- रिपोर्ट में जारी रुझानों के हिसाब से अगले 170 सालों तक महिलाओं और पुरुषों के बीच में कमाई को लेकर बना ये वैश्विक अंतर खत्म भी नहीं हो सकता।
- दुनियाभर में महिला-पुरुषों के बीच वेतन और शिक्षा के क्षेत्र में समानता में गिरावट दर्ज की गई है। ये गिरावट आर्थिक समानता में भी देखी गई है। इस नए परिवर्तन की वजह से दुनिया एक साल में 52 साल पिछड़ गई है।
- कौन जारी करता है रिपोर्ट : विश्व आर्थिक मंच (WEF )