- 'द डिपार्टमेंट ऑफ एंपावरमेंट ऑफ पर्संस विद डिसबिलिटीज' अब हिंदी में "दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग" के नाम से जाना जाएगा।
- इसके पिछले नाम से "विकलांगजन" शब्द हटा लिया गया है। हिंदी में अभी तक इसका नाम विकलांगजन सशक्तीकरण विभाग था।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 27 दिसंबर को अपने "मन की बात" कार्यक्रम में शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को दिव्य प्रतिभा का धनी बताया था। उन्होंने "विकलांग" की जगह "दिव्यांग" शब्द का उपयोग करने का आह्वान किया था।
- करीब पांच महीने बाद विभाग ने भी उनके इस विचार को अपनाने का फैसला किया है। केंद्र ने भारत सरकार (कार्य आवंटन) नियम, 1961 में संशोधन के द्वारा विभाग के नाम में परिवर्तन का प्रस्ताव किया था।
- कैबिनेट सचिव की ओर से जारी एक आदेश के अनुसार, अब "द डिपार्टमेंट ऑफ एंपावरमेंट ऑफ पर्संस विद डिसबिलिटीज" का हिंदी में नाम "दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग" होगा। इसमें कहा गया है कि नए नामकरण को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी अपनी मंजूरी दे दी है।
- दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग सामाजिक न्याय तथा अधिकारिता मंत्रालय के अधीन आता है। यह विभाग दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तीकरण में मदद प्रदान करता है।
- साल 2011 में हुई जनगणना के अनुसार, देश की कुल जनसंख्या में 2.21 फीसद संख्या दिव्यांगों की है।