- सालाना वित्तीय विवरण नहीं देने वाली गैरसरकारी संस्थाओं (एनजीओ) पर अब सख्ती होगी। गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार लगातार दो साल तक वित्तीय ब्योरा नहीं देने वाले एनजीओ से विदेशी चंदा का दस फीसद या दस लाख रुपये (दोनों में से जो कम हो) वसूला जाएगा।
- नए प्रावधानों के तहत साल 31 दिसंबर के बाद दो वर्षों तक ब्योरा नहीं देने वाले संस्थाओं से विदेशी चंदा का पांच फीसद या पांच लाख रुपये वसूले जाएंगे।
- छह महीने से एक साल तक विवरण नहीं देने वालों पर विदेशी चंदे का चार फीसद या दो लाख रुपये का अर्थदंड लगाने का प्रावधान किया गया है।
- इसी तरह तीन से छह महीनों तक विवरण नहीं देने की स्थिति में चंदे का तीन प्रतिशत या पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
- तीन महीनों तक वार्षिक ब्योरा नहीं देने पर विदेशी चंदे का दो फीसद या दस हजार रुपये वसूले जाएंगे।
- तकरीबन तीस लाख पंजीकृत एनजीओ में दस फीसद से भी कम संस्थाएं वार्षिक आय-व्यय का ब्योरा देते हैं।