- "बच्चों के मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा (संशोधन) का अधिकार विधेयक 2017" पेश किया।
- राज्य सरकारें सेवारत अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण प्रक्रिया जारी रखने में समर्थ नहीं हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए यह विधेयक लाया गया है।
- यह विधेयक प्राथमिक शिक्षकों को अनिवार्य न्यूनतम योग्यता हासिल करने के लिए 2019 तक का समय देने के लिए पेश किया गया है।
- एक अप्रैल 2010 से लागू मौजूदा कानून के तहत इन शिक्षकों के लिए 31 मार्च 2015 से पांच वर्षों के भीतर न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता हासिल करना अनिवार्य है।
- विधेयक के विषय की व्याख्या और कारण में इसे स्पष्ट किया गया है। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकारों ने अप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए समय बढ़ाने का आग्रह किया है। समय बढ़ाने से प्रशिक्षण प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी।
- अधिनियम में एक नया प्रावधान जोड़ा गया है। प्रावधान में छह से 14 वर्ष तक बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा मुहैया कराने की व्यवस्था है।
- नए प्रावधान के तहत 31 मार्च 2015 नियुक्त या नियुक्ति की प्रक्रिया में शामिल हर शिक्षक जिनके पास न्यूनतम योग्यता नहीं है वे योग्यता हासिल करेंगे। ऐसे शिक्षकों को प्रस्तावित कानून लागू होने की तारीख से चार वर्ष के भीतर न्यूनतम योग्यता हासिल करना होगा।
- प्रशिक्षण पर खर्च सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्वीकृत आवंटन से होगा। इस राशि में केंद्र के साथ संबंधित राज्य हिस्सेदार होंगे।