देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ. दिल्ली में तो स्थिति और बदतर ही हुई है| राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने साल 2015 में राज्यवार महिलाओं के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों से संबंधित आंकड़े जारी किए हैं. देश के अलग-अलग राज्यों में महिलाएं कितनी असुरक्षित हैं, यह बताने के साथ-साथ ये आंकड़े कई गम्भीर सवाल भी पैदा करते हैं. इन आंकड़ों का अध्ययन करने पर स्थापित धारणा के उलट यह बात सामने आती है कि सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक दृष्टि से विकसित दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे शहर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में भी अव्वल हैं|
एनसीआरबी के आंकड़े इस धारणा को खारिज करते हैं कि सामाजिक-आर्थिक विकास के जरिए महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में कमी लाई जा सकती है
- महिलाओं के खिलाफ अपराध के 184.3 मामले दर्ज किए गए. यह आंकड़ा 2014 की तुलना में 15.2 ज्यादा है.
- इसके अलावा राष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियों से दूर रहने वाले कई राज्य भी इस सूची में दिल्ली के साथ हाथ से हाथ मिलाकर खड़े नजर आ रहे हैं. इनमें असम, तेलंगाना, ओडिशा और राजस्थान जैसे राज्य शामिल हैं.
- महिला अधिकारों को लेकर जागरूक माने जाने वाले असम में महिला अपराध की दर 148.2 होना, चौंकाता है.