5 वर्ष से ज्यादा लंबित मुकद्दमों व अपीलों के निर्णय में तेजी लाने का निर्देश
#Punjab_Kesari
समय-समय पर विभिन्न मंचों पर न्यायालयों में वर्षों से लटकते आ रहे मुकद्दमों और अपीलों के अम्बार पर चिंता जताई जाती रही है। इसी पृष्ठभूमि में भारत के मुख्य न्यायाधीश ने हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालयों को जोर देकर यह कहा है कि वे पांच वर्ष से ज्यादा समय से लंबित मुकद्दमों तथा इतनी ही अवधि से जेलों में बंद लोगों की अपीलों पर निर्णय लेने में तेजी लाएं।
वर्षों से जेलों में बंद लोगों की दशा से भली-भांति परिचित मुख्य न्यायाधीश के इस विशिष्टï पग में गरीब जेल अधिवासियों को मुफ्त अधिवक्ता उपलब्ध करवाना भी वांछित है। यह सेवा उन लोगों को उपलब्ध की जाएगी जो 5 वर्ष से अधिक से जेल में हैं
। प्रधान न्यायाधीश, जो राष्ट्रीय कानूनी सेवाएं प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक भी हैं, ने इस बारे उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को अपने न्यायालयों में लंबित आपराधिक अपीलों और जेल अपीलों से निपटने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश उपलब्ध करने को लिखा है कि अपीलें निपटाने में देरी न्याय प्रशासन की प्रभावशीलता के संबंध में संदेह उत्पन्न करती हैं।
मुख्य न्यायाधीश द्वारा उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायधीशों को शनिवार के दिन 5 वर्ष से अधिक जेल में बंद लोगों की अपीलें सुनने के अनुरोध का सकारात्मक परिणाम मिला है तथा पिछले 2 महीनों के दौरान 9 ऐसी बैठकों में उच्च न्यायालयों ने लगभग 1000 केस निपटाए हैं। आज जबकि हमारा न्याय तंत्र नीचे से लेकर ऊपर तक वर्षों से लंबित मुकद्दमों के अम्बार तले दबा हुआ है, न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा द्वारा की गई यह पहल सराहनीय है। इससे न्यायपालिका को मुकद्दमों के बोझ से राहत मिलेगी वहीं न्याय के लिए तरस रहे लोगों को न्याय भी मिलेगा