भारत अब तक की सबसे बड़ी मंदी का सामना करने जा रहा है. उसके मुताबिक इस वित्तीय वर्ष में भारत की विकास दर में पांच फीसदी की गिरावट आएगी.
- गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक इस वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए गिरावट का यह आंकड़ा 45 फीसदी तक जा सकता है. हालांकि बाद की दो तिमाहियों में हालात थोड़े सुधरेंगे.
- यह खबर सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रु के आर्थिक पैकेज के ऐलान के बीच आया है. इसके तहत कई क्षेत्रों में नीतिगित सुधारों का ऐलान किया गया है. गोल्मैन सैक्स का कहना है कि इनका असर पड़ने में अभी वक्त लगेगा और इससे अर्थव्यवस्था में तुरंत किसी चमत्कार की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.
- कोरोना वायरस संकट के चलते भारत में 25 मार्च से लॉकडाउन चल रहा है. इस दौरान बुनियादी सेवाओं को छोड़कर सभी आर्थिक गतिविधियों पर रोक है जिसमें सरकार धीरे-धीरे छूट दे रही है. फिलहाल इस लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ा दिया गया है. माना जा रहा है कि इससे पहले से ही मुश्किलों से जूझ रही अर्थव्यवस्था को और तगड़े झटके लग सकते हैं. हालांकि मोदी सरकार कहती रही है कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है और यह जल्द ही उबर आएगी.